फरीदाबाद समेत अन्य जिलों को स्मार्ट सिटी बनाना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है लेकिन उनके इन सपनों पर फरीदाबाद पानी फेरता दिखाई दे रहा है। जिले को स्मार्ट बनाने के काम में स्मार्टनेस तो दिखाई ही नहीं दे रही है बल्कि अनाड़ीपन ज़्यादा हावी होता दे रहा है। स्मार्ट सिटीज मिशन भारत में 100 शहरों के निर्माण के लिए एक शहरी विकास कार्यक्रम है। इसे 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था।
फरीदाबाद स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से फतेहपुर चंदीला को सुंदर बनाने का काम चल तो रहा है लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए एवं खानापूर्ति के लिए। ग्रामीणों ने वहां काम रहे लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
आरोपों में कहा गया है कि गांव में जो सड़क बनाई जा रही है उसके अंदर पानी की लाईन दबा दी गई है। जबकि पानी के लाइन के लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए। यूँ स्मार्ट सिटीज मिशन का उद्देश्य देश के 100 शहरों में आधारभूत सुविधाओं का विकास करना और नागरिकों को एक स्वच्छ और स्थायी वातावरण प्रदान करना है। लेकिन इस तरह के कामों से लोगों को ही परेशानी हो रही है।
ग्रामीणों ने कहा है कि अगर किसी की पानी की लाइन ख़राब हो गई तो ओर उसे बदलना पड़ा तो पूरी सड़क को तोडा जाएगा। एक समय था जब भारत को सपेरों और भिखारियों के देश के रूप में जाना जाता था लेकिन अब लगता है अनाड़ी ठेकेदारों के लिए जाना जाएगा। भारत दुनिया की वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में आता है लेकिन ऐसी लापरवाहियों से हमेशा झटके खाता है।
ऐसी लापरवाहियां प्रशासन के ऊपर ही हावी होती हैं। स्मार्ट सिटी मिशन एक केन्द्र प्रायोजित योजना के रूप में संचालित किया जा रहा है और केंद्र सरकार द्वारा मिशन को पांच साल में करीब प्रति वर्ष प्रति शहर 100 करोड़ रुपये औसत वित्तीय सहायता देने का प्रस्ताव है। केंद्र और राज्य सरकारों को तुरंत ऐसे कामों के प्रति सख्त होने की आवश्यकता है।