हरियाणा पर्यावरण संरक्षण समिति, पर्यावरण संरक्षण गतिविधि और मानव रचना शैक्षणिक संस्थान ने मिलकर वर्चुअल पर्यावरण मंच का आयोजन किया। कार्यक्रम में फरीदाबाद के डीसी यशपाल यादव ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया। इस मंच के जरिए ईको-ब्रिक्स कैंपेन की वर्चुअल लॉन्चिंग भी की गई।
उन्होंने इस दौरान घर-घर में ईको-ब्रिक्स के निर्माण को एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, जिला प्रशासन और बाकी समितियां मिलकर इस पर काम करेंगी ताकी शहर से प्लास्टिक वेस्ट को बिल्कुल खत्म किया जा सके। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जिला प्रशासन इस कार्यक्रम को पूरा सहयोग देगा और उसके ट्रांसपोर्टेशन से लेकर उसके री-यूज होने पर भी नजर बनाए रखेगा।
ऐसा करने से शहर का चालीस प्रतिशत कूड़ा री-यूज होगा साथ ही इससे सर्कुलर इकोनॉमी को भी सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि फरीदाबाद में पाँच लाख घर हैं, हर घर से एक ईको-ब्रिक खरीदना भी बहुत मुश्किल कार्य नहीं है।
कार्यक्रम में मौजूद रहे पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के गोपाल आर्या ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है। विश्व के पाँच सबसे प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद का नाम भी शामिल है। उन्होंने कहा इस मंच का मुख्य मकसद इंसान की मानसिकता को बदलना है। आज के लैंडफिल 91 प्रतिशत सैग्रिगेट नहीं होते हैं।
सिंगल यूज पॉलिथीन के एक हमीने में एक लाख टन कट पीस जमीन में मिलते हैं जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना की दवा नहीं है उसी तरह से प्लास्टिक को खत्म करने की भी कोई दवा तो नहीं है लेकिन हमें प्लास्टिक रूपी इस भूत को घरों में प्लास्टिक की बोतल में बंद कर ईको-ब्रिक बनानी होगी, यही इसका एकमात्र ईलाज है।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष बीआर भाटिया ने कहा कि ईको-ब्रिक्स को और बढ़ावा देने के लिए पब्लिक अवेयरनेस कैंप लगा सकते हैं। शहर के टाउन पार्क में ईको-ब्रिक्स के इस्तेमाल से हट्स या वॉल्स बनाई जा सकती हैं, ताकि लोगों में जागरूकता लाई जा सके।
कार्यक्रम में मानव रचना शैक्षणिक संस्थान के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत भल्ला, उपाध्यक्ष डॉ. अमित भल्ला, डीजी डॉ. एनसी वाधवा और ईको-ब्रिक्स पर चर्चा के लिए पैनल डिस्कशन में फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष बीआर भाटिया, हरियाणा रेड क्रॉस सोसाइटी की अध्यक्ष सुषमा गुप्ता, हरियाणा स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश चंद्रा और फरीदाबाद RWA’s के प्रधान एनके गर्ग समेत कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
क्या है ईको-ब्रिक
पर्यावरण से जुड़े कार्यकर्ताओं ने कई तरह की मुहिम चलाई हैं, जिनमें से एक है‘ईको ब्रिक’ का निर्माण है। इस निर्माण में प्लास्टिक की खाली बोतलों का उपयोग करके घर, शौचालय और दीवारें बनाई जा रही हैं। प्लास्टिक को कम करने का ये सबसे कारगर तरीका है। प्लास्टिक की इन खाली बोतलों में प्लास्टिक कचरा भरा जाता है। उसके बाद बोतलों को बंद करके ईंटों की जगह इस्तेमाल किया जाता है। प्लास्टिक की बोतलें ईंटों की तरह मजबूत और टिकाऊ होती हैं। ऐसा करके पर्यावरण को फायदा पहुंचाया जा सकता है। यह प्लास्टिक के कचरे के खिलाफ लड़ने में भी मददगार साबित होगा।
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