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दुष्कर्म मामले में उम्र कैद काट रहे राम रहीम को मिली गुप चुप पैरोल

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कहते है अपने किए कर्मों की सजा इसी जन्म में भुगतने को मिलती है। एक सच यह भी है कि मां बाप ऐसे शख्स है जिन्हें चाहकर भी कोई भूला नहीं सकता। जब जन्म देने वाली मां तकलीफ में हो तो दर्द में सबसे पहले उस मां को अपने बच्चे याद आते हैं,

चाहे उसका बच्चा जिंदगी में कितने बुरे कार्य क्यो ना कर चुका हो। ऐसा ही कुछ दुष्कर्म और हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के साथ भी हुआ।

दुष्कर्म मामले में उम्र कैद काट रहे राम रहीम को मिली गुप चुप पैरोल

जिसे भाजपा जजपा गठबंधन की अनुमति के बाद ही बीती 24 अक्तूबर को एक दिन की पैरोल मिली। उल्लेखनीय है कि राम रहीम को डेरा प्रमुख दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद से रोहतक की सुनारिया जेल में कैद है। लगभग तीन साल से राम रहीम उम्र कैद की सजा काट रहे है।

राम रहीम के पैरोल की बात करें तो उन्हे एक दिन की यह परोल अपनी बीमार मां से मिलने के लिए मिली थी। वह गुरुगाम के एक अस्पताल में भर्ती हैं। डेरा प्रमुख को सुनारिया जेल से गुरुग्राम अस्पताल तक भारी सुरक्षा के बीच ले जाया गया।

दुष्कर्म मामले में उम्र कैद काट रहे राम रहीम को मिली गुप चुप पैरोल

राम रहीम की सुरक्षा में पुलिस की तीन टुकड़ी को लगाया गया था। जिनमे कुछेक अधिकारियों को छोड़कर व सीएम के अलावा बहुत कम लोगों को पता राम रहीम के पैरोल की जानकारी दी गई थी।

वहीं राम रहीम 24 अक्टूबर को शाम तक अपनी बीमार मां के साथ रहा। राम रहीम की सुरक्षा एवं निगरानी में हरियाणा पुलिस की तीन टुकड़ी तैनात की गई थींं। एक टुकड़ी में 80 से 100 जवान थे। डेरा प्रमुख को जेल से पुलिस की एक गाड़ी में लाया गया,

जिसमें पर्दे लगे थे। गुरुग्राम में पुलिस ने अस्पताल के बेसमेंट में गाड़ी पार्क की और जिस फ्लोर में उसकी मां का इलाज चल रहा था, उसे पूर्ण खाली करा दी गई थी। इसके बाद राम रहीम ने अपनी बीमार मां से मुलाकात की।

रोहतक एसपी राहुल शर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा, ‘हमे जेल सुपरिटेंडेंट से राम रहीम के गुरुग्राम दौरे के लिए सुरक्षा व्यवस्था का निवेदन मिला था। हमने 24 अक्टूबर को सुबह से लेकर शाम ढलने तक सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। सब कुछ शांति से हुआ।’

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