निकिता के इंसाफ पर मुआवजे ने डाला पहरा, क्या मिल पाएगा बिटिया को न्याय ? : मैं हूँ फरीदाबाद

नमस्कार! मैं हूँ फरीदाबाद एक बदनसीब शहर जिसमे जन्मी एक बेटी के इंसाफ का मोल चंद रुपयों में तोल लिया जाता है। मैं बात कर रहा हूँ उस अभागी निकिता के इंसाफ की जो अब हमारे बीच नहीं है। ये वही निकिता है जिसको इस समाज ने वीरांगना का खिताब देकर उससे उसका इंसाफ खरीद लिया है।

ये वही निकिता है जिसके इंसाफ की जगह अब करोड़ रूपये के मुआवजे ने ले ली है। ये वही निकिता है जिसकी मौत के मातम के बीच उसके भाई को सरकारी नौकरी देने की बात की जा रही है। दिल काँप उठता है यह सोच कर कि उस बच्ची पर क्या गुजरी होगी जब वो हैवान उसकी आँखों के आगे मौत का चोला पहनकर आए थे।

निकिता के इंसाफ पर मुआवजे ने डाला पहरा, क्या मिल पाएगा बिटिया को न्याय ? : मैं हूँ फरीदाबाद

वो अपना बचाव भी नहीं कर पाई पर उसकी आत्मा को उम्मीद थी कि उसके अपने, यह समाज और मैं बदनसीब फरीदाबाद उसे इंसाफ जरूर दिलवाऊंगा पर अब हम सब हार गए है। किसी की आँख पर मुआवजे की पट्टी बांध गई है, तो कोई धर्म रक्षण के लिए युद्ध के मैदान में उतरने को आमादा है। पर आज मैं फरीदाबाद एक सवाल पूछना चाहता हूँ।

जब निकिता नहीं तो मुआवजा कैसा ? क्या निकिता की जान की कीमत एक करोड़ रूपये से तोली जा सकती है ? मैं जानता हूँ कि इस समय तोमर परिवार का दुख सबसे बड़ा है फिर निकिता के इंसाफ के बीच यह पैसे कहाँ से आए ? परिवार आर्थिक रूप से कमज़ोर नहीं है।

निकिता के पिता कार्यरत हैं और उसका बड़ा भाई 23 वर्षिय नवीन पूर्ण रूप से पैसे कमाने के लिए सक्षम है ऐसे में मुआवजे की क्या जरूरत ? नवीन पढ़ा लिखा है तो क्या वह खुद से नौकरी नहीं ढूंढ सकता? मैंने निकिता की शोकसभा में परिवार की मांगे सुनी हैं और उन्हें सुनने के बाद मेरा दिल बैठ गया है।

परिवार की पहली मांग है एक करोड़ का मुआफजा। दूसरी मांग है निकिता के भाई के लिए सरकारी नौकरी और तीसरी मांग है निकिता के नाम पर कॉलेज के नाम को रखा जाना। क्या इन तीनों मांगो में अतिरिक्त निकिता के परिवार की कोई और मांग नहीं ? कहाँ है निकिता के हत्यारों की फांसी और एनकाउंटर की मांग ? कहाँ है आरोपियों के परिवार को सजा दिलाने की मांग ?

अब निकिता का इंसाफ खरीद लिया गया है। निकिता का इंसाफ खरीदा है सियासतदानो ने। निकिता का इंसाफ खरीदा है घड़ियाली आसुओं ने। मैं पूछना चाहता हूँ की फरीदाबाद में आए दिन लोग सड़क दुर्घटना से मौत के घात उतर जाते हैं। प्रशासन क्या उन सभी के परिवारों को एक करोड़ रूपये का मुआफजा देने के लिए तैयार है ?

जानता हूँ कि आप लोग सोच रहे होंगे कि मैं निकिता के साथ हुए अपराध को सड़क दुर्घटना से क्यों तोल रहा हूँ। मैं यह इसलिए कर रहा हूँ क्यूंकि मैं आपको बताना चाहत हूँ कि इंसाफ मांगने के लिए एकमात्र विकल्प मुआवजा नहीं है। इंसाफ चाहिए तो मुआवजे से ऊपर उठना होगा और यह सोचना होगा कि अपराधी को इतनी कट्टर सजा मिले की अगली बार से ऐसे जघन्य अपराध न हो पाए।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

ओम योग संस्थान ट्रस्ट ने हर्षोल्लास के साथ अपना अपना 26 वां वार्षिक उत्सव

ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…

4 weeks ago

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

1 month ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

1 month ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 month ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

2 months ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

3 months ago