लव जिहाद पर लगानी है रोकथाम तो परिवार को स्वयं उठाना होगा अपने बच्चों को संस्कार देने का भार

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हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिले में हुए निकिता गोली कांड के बाद से लव जिहाद का मामला तेजी से उछाला जा रहा है। ना सिर्फ हरियाणा में बल्कि यूपी में भी लव जिहाद को लेकर सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया नेताओं द्वारा देखने को मिल रही है।


उत्तर प्रदेश सरकार के बाद अब हरियाणा सरकार ने भी उत्तर प्रदेश की भांति लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए कानून बनाने का निर्णय ले लिया है। जिसके तहत हरियाणा राज्य महिला आयोग व प्रदेश सरकार के मंत्रालय का भी मानना है

लव जिहाद पर लगानी है रोकथाम तो परिवार को स्वयं उठाना होगा अपने बच्चों को संस्कार देने का भार

कि युवा लड़के व लड़कियों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की जरूरत है और परिवारों को भी बच्चों को संस्कार देने की जिम्मेदारी को उठानी चाहिए।

पिछले कई सालों से लड़कियों को लव जिहाद के चंगुल से बचाने में लगे प्रदेश के हिंदू संगठन अब स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाली छात्राओं की काउंसलिंग करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। दूसरी तरफ संगठन यह भी कहता है कि उनके पास वैसे तो पर्याप्त शक्तियां नहीं है,

जिसके बलबूते लड़कियों को कानूनी तौर पर बचाया जा सके। संस्था ने यह भी बोला कि कई बार ऐसे मामले को उजागर होते हैं, जहां लड़कियां अपने ही परिवार का साथ नहीं देती है। जब उनका सब कुछ बर्बाद हो चुका होता है तब उन्हें एहसास होता है कि उनके साथ कितना भरा हुआ है।

साल भर में सुलझे लव जिहाद के 244 मामलों में से 60 मामले

धर्म जागरण समन्वय संस्था के कार्यकर्ता चरण दास भोला का कहना है कि सालभर में प्रदेश में हुए लव जेहाद के 244 मामलों में से सिर्फ 60 मामले ही सुलझ सके हैं। मेवात में इस साल 60 में से 15 लड़कियां बचाई जा सकीं। फरीदाबाद में 28 में से 4, पानीपत में 32 में से 5, कुरुक्षेत्र में 15 में से 7,

लव जिहाद पर लगानी है रोकथाम तो परिवार को स्वयं उठाना होगा अपने बच्चों को संस्कार देने का भार

यमुनानगर में 22 में से कोई नहीं, हिसार में 7 में से 5, फतेहाबाद में 8 में से 7, रेवाड़ी में 5 में से कोई नहीं, दादरी में 4 में से 1, पंचकूला में 7 में से 5, अंबाला में 7 में से 5, कैथल में 6 में से 3 और सोनीपत में 10 में से 3 लड़कियों को ही लव जेहाद के चंगुल से बचाया जा सका।

18 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियांं नहीं समझ पाती है सच्चाई

फरीदाबाद के संस्था के नेता राकेश वत्स का कहना है कि बहुत सी बच्चियां इस वजह से नहीं बच पातीं क्योंकि लड़कियों की उम्र 18 साल से अधिक होती है और वह परिवार की बजाय युवक का साथ देती हैं, क्योंकि तब तक लड़कियों के सामने युवक की सच्चाई नहीं आई होती और जब तक समझ पाती हैं, बहुत देर हो जाती है। जब सरकार कानून बनाए तो इन तथ्यों का भी ख्याल रखे।

हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव का कहना है कि प्रदेश सरकार लव जेहाद जैसे मामलों को गंभीरता से ले रही है। हरियाणा में घटित संबंधित मामलों का अध्ययन करने के बाद प्रदेश में लव जेहाद के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाएगा।

लव जिहाद पर लगानी है रोकथाम तो परिवार को स्वयं उठाना होगा अपने बच्चों को संस्कार देने का भार

दूसरे राज्यों के लव जेहाद कानून के सभी पक्षों को भी देखेंगे। यादव ने कहा कि किसी भी लड़की से जबरन धर्म परिवर्तन करवाना गलत है और ऐसी चीजें जात-पात को बढ़ावा देकर समाज का विभिन्न हिस्सों में विभाजन करती हैं और इसकी वजह से देश हो या प्रदेश, उसके विकास पर गहरा असर पड़ता है। इसलिए सरकार ऐसी चीजों को समाज से दूर करने की दिशा में काम कर रही है।

हरियाणा की कार्यकारी अध्यक्ष प्रीति भारद्बाज दलाल ने कहा कि लव जेहाद को लेकर फरीदाबाद में सालभर में 28 एफ.आई.आर. दर्ज हुई हैं। इन्हें नकार नहीं सकते। मामला महिलाओं व बच्चियों से संबंधित है, इसलिए आयोग कालेज की छात्राओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करेगा।

निकिता तोमर हत्या मामले में आयोग ने निकिता के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की है। परिवार निकिता को न्याय दिलाना चाहता है। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं लड़कियां अपने परिवार से दूरी बना रही हैं, इसी वजह से वह बाहरी लोगों के चंगुल में फंस रही हैं। परिवार की भी जिम्मेदारी है कि वह बच्चियों को नैतिक मूल्यों और संस्कारों का पाठ सिखाएं।