बिहार चुनाव के परिणाम में साबित हुआ की बिहार की जनता ने NDA पर अपना भरपूर समर्थन किया है हालांकि, तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) 75 सीटें जीतकर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. 243 सीटों वाली विधानसभा में एनडीए को 125 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला गया.
इसमें BJP 74 और JDU 43 सीटें जीतने में कामयाब रहीं. RJD और कांग्रेस का महागठबंधन 110 सीटों पर कब्जा जमाने में सफल रहा. कई सीटों पर कांटे के मुकाबले के बावजूद आखिरकार नीतीश कुमार अपनी साख बचाने में कामयाब रहे.
चिराग पासवान के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) कोई कमाल नहीं दिखा पाई और वह 1 सीट पर ही सिमट गई. जबकि, ओवैसी की पार्टी AIMIM 5 सीटें जीतने में कामयाब रही
रणदीप सुरजेवाल ने उठाई जिम्मेदारी
बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद आए एग्जिट पोल के नतीजों से खुश महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के दिग्गज महासचिव रणदीप सुरजेवाला पटना पहुंच गए थे । कांग्रेस महासचिव मतगणना की स्थिति को संभालने के लिए बिहार पहुंचे थे उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई है
इसके अलावा इस चुनाव में उन्होंने ताबड़-तोड़ कई रैलियां भी की है। सूरजेवाला हरियाणा के सबसे कम उम्र के मंत्री रह चुके हैं। 1996 और 2005 में उन्होंने हरियाणा के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को करारी हार दी थी। वर्तमान में सुरजेवाला कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।
भाजपा के बड़े रणनीतिकार बनकर उभरे भूपेंद्र यादव
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बतौर बिहार व गुजरात प्रभारी पांच वर्षों में भूपेंद्र यादव अपने हर मिशन में कामयाब साबित हुए। सीधे तौर पर कहें तो भूपेंद्र हैट्रिक लगाने में सफल रहे। प्रभारी के तौर पर पहली सफलता उन्हें 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव में मिली थी।
इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में भाजपा ने सौ फीसद परिणाम हासिल किया। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाकर भूपेंद्र ने इतिहास रच दिया।
रणनीतिकार संजय यादव तेजस्वी के साथ निभाई दोस्ती
तेजस्वी और संजय की दोस्ती काफी पुरानी है। राजद में आने से पहले संजय एमएससी और फिर एमबीए करने के बाद एक आईटी कंपनी में काम कर रहे थे। आईपीएल में करियर न बनता देख जब तेजस्वी ने पार्टी और राजनीति की तरफ रुख किया तो इसमें उन्हें संजय का भी साथ मिला।
इस चुनाव के लिए तेजस्वी के कहने पर संजय तीन वर्ष से काम कर रहे थे। एक्जिट पोल में जो बातें सामने आई हैं उनके मुताबिक संजय की रणनीति काम करती दिखाई दे रहा है।