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क्यों ना इस दिवाली कुछ हटकर किया जाए और एक दीया इन लोगों के नाम भी जलाया जाए

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महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच त्यौहारों की बौछार बस महज कुछ घंटों की दूरी पर ही है। ऐसे में लोगों के चेहरों पर खिली हुई मुस्कान बड़ी प्यारी लगती है। दीपावली का त्यौहार यानी कि दीपों का त्यौहार, दीप यानी उजाला यानी जीवन का उजाला।

वैसे तो हर कोई दिवाली पर साज सजावट और मिष्ठान पर अपना ध्यान केंद्रित करता है,लेकिन इस संक्रमण के दौर में यह त्यौहार जब आया है तो हर कोई अचंभित है। ऐसा इसलिए क्योंकि बाहर महामारी घर में त्योहारों की खुशी अलग ही अनुभव देता है।

क्यों ना इस दिवाली कुछ हटकर किया जाए और एक दीया इन लोगों के नाम भी जलाया जाए

ऐसे में जरूरत है कि इस दीपावली पर कुछ नया और हटकर किया जाए और हटकर क्या कर सकते हैं वह हम आपको बताएंगे। जैसा कि इस बात से सभी परिचित हैं की महामारी की बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए हमारे देश में सैकड़ों कोरोना योद्धाओं डॉक्टर, नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने जी तोड़ मशक्कत की है।

क्यों ना इस बार एक दीया उनको वीर योद्धाओं यानी हमारे डॉक्टरों नगर निगम प्रशासन और पुलिस विभाग के नाम जलाया जाए।

क्यों ना इस दिवाली कुछ हटकर किया जाए और एक दीया इन लोगों के नाम भी जलाया जाए

और हां घर की लक्ष्मी यानी बेटियों को मत भूल जाइएगा। एक दीया बेटी के नाम भी जरूर जल आइएगा। खास करके उस बेटी के नाम जिसने इस दुनिया को ही अलविदा कह दिया। हम बात कर रहे हैं

क्यों ना इस दिवाली कुछ हटकर किया जाए और एक दीया इन लोगों के नाम भी जलाया जाए

फरीदाबाद की बल्लभगढ़ की निकिता तौमर की। भले ही उसमें वीरांगना ने अपने प्राण त्याग दिए, लेकिन घुटने नहीं टेके। तो इसलिए हमें जरूरत है कि उस बेटी के जज्बे को सलाम करते हुए एक दीया उसके नाम भी जरूर जलाएं।

एक दिया जलाना उन खाखी वर्दी पहने योद्धाओं के नाम का जो अपनी ड्यूटी निभा रहे है और आगे भी फरीदाबाद को अपराध मुक्त हो काफी समय से पुलिस काफी सक्रिय नजर आ रही है वही इस कोशिश में लगी है कि जिले को अपराध मुक्त किया जा सके

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