इस लड़की के एक सवाल से भाग खड़े हुए पुलिस अधिकारी, सुरक्षा का ज्ञान देने आए थे

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अगर हर लड़की होगी इतनी जागरूक, तो कोई आंख उठाकर नहीं देख सकता। दरअसल ये बात है तो सच, लेकिन इतनी हिम्मत हर कोई नहीं कर पाता है। हम दूसरों को सलाह तो बड़ी ही आसानी से दे देते हैं लेकिन जब बात खुद पर आ जाती है तो तब हम भी पीछे हट जाते हैं।

कई बार तो देखा जाता है कि हमारे बड़े ही बेटियों को समझाते देखे जाते हैं कि कोई चाहे कुछ भी बोले तुम सीधे, चुपचाप अपने घर आ जाओ। लेकिन इन्ही सब बातों पर कोई और लड़की मनचलों को मुंहतोड़ जवाब देती है और यही बात ऐसे बड़ों को पता लगती है तो वो उस लड़की पर बड़ा ही गर्व करते हैं लेकिन खुद की बेटी को चुप रहने के लिए कहते हैं।

इस लड़की के एक सवाल से भाग खड़े हुए पुलिस अधिकारी, सुरक्षा का ज्ञान देने आए थे

कहते हैं कि विरोध करोगी तो कहीं ऐसा ना हो कोई मनचला कुछ गलत करदे। लेकिन हमारे बड़े ये भूल जाते हैं कि अगर हम हर बार विरोध करेंगे तो बहुत कम चांस होते हैं कि कोई दरिंदा दोबारा हरकत करे

लेकिन जब लड़कियां विरोध नहीं करती हैं तो संभावनाएं हमें ही बनी होती हैं कि कोई मनचला फिर कोई ना कोई हरकत करेगा और उसे जब विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा तो उसका हौसला बढ़ता जाता है

इस लड़की के एक सवाल से भाग खड़े हुए पुलिस अधिकारी, सुरक्षा का ज्ञान देने आए थे

इसलिए ज़रूरी ये नहीं है कि हमारी बेटियों को क्या करना चाहिए बल्कि ज़रूरी बात ये है कि हम खुद हमारी बेटियों को सिखा क्या रहे हैं, सहना या फिर विरोध करना।

अब हम आपको इन्ही बातों से जुड़ा एक वाक्या बताते हैं, जहां यूपी में इन दिनों पुलिस मिशन शक्ति चला रही है जिसके तहत यूपी के बाराबंकी स्थित आनंद भवन स्कूल में पुलिस, सुरक्षा सप्ताह के तहत स्कूली बच्चों को सुरक्षा से जुड़ी जानकारी देने गई थी

इस लड़की के एक सवाल से भाग खड़े हुए पुलिस अधिकारी, सुरक्षा का ज्ञान देने आए थे

वहां एएसपी एस गौतम ने बच्चों को कानून और सुरक्षा पर ज्ञान दिया। ठीक इसी दौरान वहां मौजूद 11वीं की स्टूडेंट मुनिबा किदवई ने उन्नाव रेप केस से जोड़ते हुए पुलिस अधिकारी से एक सवाल पूछ लिया। जिसपर अधिकारी टूटी-फूटी बात करते नज़र आए और बच्ची के जवाब से पल्ला झाड़ते रहे।

इस लड़की के एक सवाल से भाग खड़े हुए पुलिस अधिकारी, सुरक्षा का ज्ञान देने आए थे

वहां मामला ये भी उठा कि एक नेता ने एक लड़की से रेप किया था और इस बात को सभी जानते भी हैं। और उसके बाद ट्रक के नंबर प्लेट को काले रंग से रंग दिया गया था। कहने का मतलब ये है कि जब कोई रसूखदार अपराध करता है तो कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता है और जब तक कार्रवाई होती है तब लगभग सबकुछ ख़त्म हो चुका होता है।

अब इस तरह के सवालों को सुनकर पुलिस अधिकारियों के कान खड़े हो गए और सभी पुलिसकर्मी और अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए। अब इन हालातों में हम सभी को अपनी और अपनों की ज़िम्मेदारी खुद ही उठानी पड़ेगी।