शहर को और अधिक विकसित करने के दृश्य से अब पार्को के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके तहत स्मार्ट सिटी परियोजना के रूप में शहर के 30 पार्को का सौंदर्यीकरण जल्द ही शुरू किया जाएगा। इस परियोजना को आयाम देने हेतु स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी द्वारा बजट भी तय कर लिया गया है
जिसकी कीमत लगभग 8 से 10 करोड़ रुपए बताई जा रही है। बताते चलें कि सभी पार्क स्मार्ट सिटी के तहत आने वाले क्षेत्र के अंतर्गत ही होंगे। पार्को के सौंदर्यीकरण के बाद इनके रखरखाव की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी द्वारा ही ली जाएगी।
इसका अर्थ यह है कि आमजन को अब आने वाले समय में पार्कों के रखरखाव का भार नहीं उठाना पड़ेगा। बस उन्हें जो सुविधा मुहैया करवाई जाएगी उसका लाभ उठाना होगा।
पार्कों को पुनर्जीवित करने के लिए कुछ नए सिरे से प्रयास किए जाएंगे। जिसके हिसाब से सर्वप्रथम पार्क में बच्चों के पसंदीदा वाले झूले लगवाए जाएंगे वहीं बुजुर्गों के बैठने के लिए सर्वश्रेष्ठ बेंच उपलब्ध करवाए जाएंगे। ट्रैक की दशा सुधारने के साथ-साथ लाइट और फव्वारे भी लगाए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त हर पार्क में प्रदूषण मापने वाली मशीनें लगेंगी। वही स्वस्थ स्वास्थ्य को देखते हुए ओपन जिम लगाए जाएंगे। समय-समय पर जरूरत के हिसाब से पार्कों में पौधारोपण किया जाएगा।
किसी प्रकार की आपराधिक गतिविधियों व सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। बरसात व धूप से बचने के लिए छतरी भी बनाई जाएंगी।
वही बताते चलें इन दिनों नगर निगम की खस्ता हालत के चलते 369 पार्कों की दशा दयनीय बनी हुई है। जानकारी के मुताबिक कई कई महीने गुजर जाते हैं परन्तु रखरखाव की राशि नगर निगम को प्राप्त ही नहीं होती है।
कन्फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए की ओर से इस बाबत कई बार नगर निगम अधिकारियों से शिकायत की गई लेकिन खस्ता माली हालत का हवाला देते हुए समाधान नहीं निकल सका है। अभी भी इन पार्कों की रखरखाव राशि नगर निगम पर बकाया है।
स्मार्ट सिटी लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ गरिमा मित्तलबता का कहना है कि शहर में नगर निगम के करीब 701 पार्क हैं। ओल्ड फरीदाबाद जोन में 270 पार्को में से 177 का रखरखाव आरडब्ल्यूए कर रही है। बल्लभगढ़ जोन में 256 पार्को में से 127 और एनआइटी जोन में 175 पार्को में से 65 की देखरेख का जिम्मा आरडब्ल्यूए पर है।
नगर निगम प्रतिमाह इन आरडब्ल्यूए को 3 रुपये वर्ग मीटर के हिसाब से भुगतान करता है। जिसमें माली की तनख्वाह, सफाई सहित अन्य छोटे-मोटे काम कराए जाते हैं। इन पार्कों में सुबह व शाम लोग सैर करते हैं और बच्चे खेलते हैं। शहर के 30 पार्कों का सुंदरीकरण किया जाएगा। इन पार्कों का सर्वे भी कराया जा चुका है। जो जरूरतें हैं, उसकी सूची बना ली है। साथ ही पार्कों में कचरे का भी सदुपयोग किया जाएगा।