रविवार दोपहर मौसम का मिजाज बदलते ही तापमान में परिवर्तन देखने को मिला। एक तरफ जहां बारिश हुई वहीं ठंडी हवा के चलते तापमान में गिरावट आई। दर्ज किए हुए तापमान के अनुसार अधिकतम तापमान 24 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री दर्ज किया गया।
वही एक दिन में अधिकतम तापमान पांच डिग्री गिरा है। चिकित्सा विशेषज्ञ का मानना हैं कि पारा गिरने से मौसम कोरोना सहित अन्य वायरल इन्फेक्शन के अनुकूल हो गया है। वही विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण में और तेजी आने की आशंका जता रहे हैं।
वैसे तो पिछले कुछ दिनों के चलते यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि मौसम में मामूली बदलाव आने से कोरोना वायरस मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।अब प्रतिदिन औसतन कोरोना के 600 नए मामले आ रहे हैं। बारिश के बाद लुढ़के तापमान से संक्रमण की रफ्तार में और तेजी आने की आशंका है। ऐसे में इस सर्दी जिलेवासियों को अपना ध्यान रखना होगा।
विशेषकर बच्चों, बुजुर्ग एवं रक्तचाप, मधुमेह, अस्थमा, टीबी, हृदय, कैंसर, किडनी, लीवर व गुर्दे से संबंधित बीमारियों के मरीजों को भी अपना ध्यान रखना होगा, क्योंकि इन बीमारियों के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और ठंड में वायरस किसी भी सतह पर कई दिनों तक जीवित रह सकता है। एक बार संपर्क में आने के बाद कोरोना संक्रमण की चपेट में आसानी से आ सकते हैं।
कोरोना संक्रमण पुरानी बीमारियों के लिए घातक साबित हो रहा है। आने वाले दिनों में इन मजों के लिए स्थिति और भी भयानक हो सकती है। यदि कोरोना संक्रमण को नियंत्रित नहीं किया गया, तो कोरोना संक्रमण की वजह से मौतों के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। इनमें विभिन्न बीमारियों के मरीजाें की संख्या अधिक होने की आशंका है। इस पुष्टि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से होती है। सोमवार तक 279 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई हैं। इनमें से 233 मरीज ऐसे थे, जिन्हें कोरोना के अलावा अन्य बीमारियां भी थी, जबकि 56 मरीजों की मौत सीधे रूप से कोरोना संक्रमण से हुई है।
शारीरिक दूरी, मुंह पर मास्क अवश्य लगाए।
बुखार होने पर डाक्टर की सलाह पर दवाएं लें, क्योंकि हर बुखार, खांसी एवं जुकाम कोरोना संक्रमण नहीं होता। बुखार, खांसी, जुकाम होने पर स्वजनों से खुद ही अलग हो जाएं और रिपोर्ट आने के बाद ही उनके संपर्क में आएं।
यदि रिपोर्ट पाॅजिटिव आए, तो सरकार द्वारा निर्धारित 17 दिन के आइसोलेशन पीरियड को पूरा करें।
होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित को दिन में चार से पांच गर्म पानी की भाप लेनी चाहिए। इससे संक्रमण छाती तक नहीं पहुंचता।हाथों पर नियंत्रण रखें। मुंह, आंख, नाक और कान के पास कम से कम ले जाएं।
ठंड में वायरस अधिक दिनों तक जीवित रहता है। इसके चलते संक्रमण खतरा बढ़ सकता है। वहीं ठंड आने के साथ ही लोग अपने घर के दरवाजे बंद कर लेते। इससे क्रास वेंटिलेशन नहीं हो पाता है और वायरस घर में ही घूमता रहता है। लोगों को शारीरिक दूरी एवं मास्क लगाने के साथ घर की साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखना होगा।
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