हरियाणा के उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने विकास एवं पंचायत विभाग को निर्देश दिए हैं कि नई पंचायतों के गठन तक प्रदेश में पंचायतों द्वारा करवाए जाने वाले कार्यों के लिए वर्तमान पंचायतों को धनराशि जारी करने से पहले जिला परिषद के सीईओ से अनुमति लेनी आवश्यक होगी।
इसके अलावा, फिक्स-डिपोजिट का उपयोग करने से पहले राज्य स्तर पर विभाग के निदेशक से अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पंचायती चुनाव के नजदीक आते ही कुछ सरपंचों द्वारा विकास कार्यों में भेदभाव तथा फंड के दुरुपयोग करने के आरोप लगते हैं,
इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि आज के बाद भविष्य में नई पंचायतों का गठन होने तक पंचायती फंड का खर्च करने से पूर्व पंचायत-सचिव की बजाए जिला परिषद के सीईओ की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी। नई पंचायत बनने तक सचिव की शक्तियां सीईओ को स्थानांतरित कर दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग ने यह भी निर्णय लिया है कि भविष्य में नई पंचायतों के गठन तक फिक्स-डिपोजिट का उपयोग करने से पहले राज्य स्तर पर विभाग के निदेशक से अनुमति लेनी जरूरी होगी।
श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार ने हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान पंचायत-एक्ट में संशोधन किया है, इस बारे में राज्य चुनाव आयोग को भी पत्र लिख दिया है कि वे इस संशोधन के अनुसार पंचायत चुनाव की तैयारी करें।