परिवहन मंत्री ने अपनाया कड़ा रुख कहा लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं होने दूंगा

0
346

हरियाणा के परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने  अवैध वाहनों के प्रति एक बार फिर से कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा कि सवारियां ढोने में लगे ऐसे वाहन चालक जिन के पास न परिमट है, न इन्श्योरेंस है और न ही फिटनेस है ऐसे लोग जनता के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं


और प्रदेश में इस तरह के वाहनों को किसी भी सूरत में चलने नहीं दिया जाएगा। ऐसे अवैध वाहनों की चैंकिंग के लिए सम्बन्धित डिपो महाप्रबन्धक और डीटीओ द्वारा संयुक्त टीमें बनाकर टोल प्लाजा पर नाके लगाए जाएंग

परिवहन मंत्री ने अपनाया कड़ा रुख कहा लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं होने दूंगा


  श्री मूलचंद शर्मा ने यह बात आज यहां परिवहन विभाग में ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव  के शुभारम्भ के मौके पर कही। उन्होंने बताया कि इस तबादला अभियान के तहत आज 53 इंस्पेक्टर और 89 क्लर्कों को मिलाकर कुल 144 कर्मचारियों ने डिपो या लोकेशन के लिए अपना विकल्प भरा था।

इनमें से 45 कर्मचारियों को प्रथम विकल्प जबकि 32 को दूसरा विकल्प मिला है इनमें से 8 इंस्पेक्टर और 26 क्लर्कों का तबादला किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य परिवहन निदेशालय ने स्वैच्छिक भागीदारी की अंतिम तिथि 27 अक्तूबर के अनुसार क्लर्कों और इंस्पेक्टरों के काडर में 15 अक्तूबर को ऑनलाइन ट्रांसफर अभियान की शुरुआत की थी।

परिवहन मंत्री ने अपनाया कड़ा रुख कहा लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं होने दूंगा


  उन्होंने कहा कि ऑनलाइन तबादले शुरू होने से न केवल विभाग की तबादला प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी बल्कि इससे कर्मचारी भी संतुष्ट होंगे। पहले जहां कर्मचारियों को तबादलों के लिए चंडीगढ़ के चक्कर लगाने पड़ते थे वहीं अब इस प्रक्रिया से कर्मचारी घर बैठे तबादलों के लिए अपना विकल्प दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि 500 कर्मचारियों से अधिक संख्या वाले काडर में यह सिस्टम लागू होगा।


मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 के बाद धीरे-धीरे जन-जीवन पटरी पर लौट रहा है। इसलिए जल्द ही किलोमीटर स्कीम की बसों के साथ-साथ लंबे रूट की सभी बसें चालाई जाएंगी ताकि आमजन को आने-जाने के लिए सस्ता और भरोसेेमंद विकल्प उपलब्ध हो।

परिवहन मंत्री ने अपनाया कड़ा रुख कहा लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं होने दूंगा

उन्होंने कहा कि डिपो महाप्रबंधक या ट्रैफिक मैनेजर द्वारा स्थानीय स्तर पर 4-5 कर्मचारियों की टीम बनाई जाएगी जो जमीनी स्तर पर बसों की जरूरत का पता लगाएगी। इस संबंध में साप्ताहिक या महीने के हिसाब से योजना बनाई जाएगी।