उपायुक्त यशपाल के दिशा-निर्देशो के अनुसार और कुशल मार्ग दर्शन में दो बेहसहारा बच्चों चाइल्ड केयर सैन्टर में रहने के लिए आश्रय जिला बाल सरंक्षण ईकाई टीम की निगरानी में दिया गया है । इन दोनों बच्चों के ईलाज करवाने और रहन-सहन की व्यवस्था के लिए जिला बाल सरंक्षण अधिकारी गारिमा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने अपनी टीम और दोनों बच्चों के ईलाज के दौरान रखी गई सहायक के साथ बेहतर तालमेल बनाकर इन्हें नई जिंदगी देने अहम् भूमिका निभाई है।

जिला बाल सरंक्षण अधिकारी गारिमा ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि ये दोनों बच्चों लगभग दो माह पहले गत 20 सितम्बर को बेहोशी की हालत में और इनके शरीर कई स्थानों पर बुरी तरह से जले हुए थे। जो कि स्थानीय नागरिक अस्पताल बीके में मिले थे। उन्होंने दोनों बच्चों को ईलाज के लिए जिला बाल सरंक्षण ईकाई की टीम के साथ बेहतर तालमेल करके पीजीआई रोहतक रैफर करवाकर वहां पर इनका चिकित्सा उपचार करवाया।
उन्होंने बताया कि रोहतक पीजीआई में ईलाज के दौरान दोनों बेहसहारा बच्चों के लिए जिला बाल सरंक्षण ईकाई के सहयोग से एक सहायक महिला को उनकी देखभाल करने तथा खान पान सम्बन्धित व्यवस्था के लिए रखा गया।
उन्होंने आगे बताया कि अब गत 19 नवम्बर ये दोनों जिला बाल सरंक्षण ईकाई की द्वारा रोहतक पीजीआई से इनका पूरा शारिरीक उपचार करवा कर फरीदाबाद वापसी लाया गया है। अब ये दोनों बच्चे जिला बाल सरंक्षण ईकाई की टीम की निगरानी में चाइल्ड केयर सैन्टर में रखे गए हैं ।
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