भारतीय छात्रों को वापस लाने के भारत के फ़ैसले से अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की आमदनी पर छाया संकट

कोरोना वायरस के कहर के बीच ब्रिटेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापस भारत लाने के फ़ैसले ने ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालयों को झटका दिया है। क्योंकि इससे विश्वविद्यालयों की आमदनी को बड़ा नुकसान हो सकता है।

क्योंकि ब्रिटेन के अधिकतर विश्वविद्यालय द्वारा अंतरराष्ट्रीय छात्रों से अपनी कुल आय का लगभग एक तिहाई कमाते हैं, इसलिए छात्रों को वापस ले जाने की कोशिश ने विश्विद्यालयों की इकॉनमी पर संकट की तरह मंडरा रहा है।

ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के निदेशक Vivienne Stern का कहना है कि, “हम जानते हैं कि कई भारतीय छात्र पैसे और आवास के बारे में चिंतित हैं, अपने परिवारों के पास जा रहे हैं और इस वैश्विक महामारी के दौरान घर से दूर होने से काफी व्यथित हैं। उन छात्रों के लिए मेरा संदेश है: कृपया, अपने विश्वविद्यालय से बात करें।“

ऐसा लगता है कि कोरोनावायरस महामारी ने यूके को एक सबक सिखाया है, क्योंकि ये वही ब्रिटेन है जो कुछ वर्ष पहले थेरेसा मे के नेतृत्व में भारतीय छात्रों को ब्रिटेन से बाहर करने की योजना बना रहा था।

बता दें कि नवंबर 2017 में, तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा था, “यूके अपने वीज़ा प्रस्ताव में और सुधारों पर विचार करेगा, एक ही समय में, हम वापस जाने वाले भारतीयों की संख्या बढ़ा सकते हैं, जिन्हें यूके में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

भारतीय छात्रों को रोकने के लिए ब्रिटेन के प्रयास से पता चलता है कि किस प्रकार से ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी भारत और चीन से आए छात्रों से होने वाली आय पर निर्भर है।

पिछले एक दशक में, ब्रिटेन, कनाडा ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे इंगलिश बोलने वाले देशों ने उच्च शिक्षा के लिए एक बिजनेस मॉडल बनाया है। वैश्वीकरण और चीन तथा भारत जैसे तथाकथित third world country के लोगों की आय में वृद्धि के कारण, इन विश्वविद्यालयोंने लाखों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित किया जो घरेलू छात्रों की तुलना में दो से तीन गुना अधिक ट्यूशन फीस दे कर पढ़ाई करते हैं।

इसके बाद वर्ष दर वर्ष ये विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय छात्रों द्वारा आय के लिए ट्यूशन फीस पर निर्भर हो गए, और साथ ही विदेशी छात्रों द्वारा किए गए खर्च के साथ विश्वविद्यालय के शहरों की अर्थव्यवस्था में भी उछाल आया।

पिछले कई वर्षों में हर साल आने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे आगे है। इसके बाद यूके, चीन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया हैं।

अंग्रेजी बोलने वाले इन देशों के विश्वविद्यालय धीरे-धीरे विदेशी छात्रों के माध्यम से होने वाली आय के आदी हो गए। वहाँ की सरकारों ने अंतराष्ट्रीय छात्रों को बड़ी संख्या में आकर्षित करने के लिए उच्च शिक्षा का निजीकरण और उदारीकरण किया और शिक्षा को पूर्ण व्यवसाय मॉडल में विकसित कर दिया।

इन देशों की सरकार ने विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए बाजार से पैसे उधार लिए, जिससे कुछ वर्षों में छात्रों की संख्या और आय दोगुनी हो जाए। यह व्यवसाय मॉडल अत्यधिक सफल हुआ और कनाडा और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों में कुल जीडीपी के अच्छे प्रतिशत में योगदान दिया। लेकिन, अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों की तरह, इन विश्वविद्यालयों ने अपने व्यवसाय मॉडल को कोरोनावायरस जैसी महामारी के लिए कभी तैयार नहीं किया था।

अब कोरोना वायरस के कारण अंतराष्ट्रीय छात्रों में भरी कमी आने वाली है क्योंकि चीन के छात्र तो महामारी के कारण अपने सभी कोर्स बंद करने वाले हैं। वहीं भारत में भी लॉकडाउन की वजह से सभी कुछ ठप पड़ा हुआ है। जून जुलाई के महीने में ही भारत के छात्र किसी अन्य देश की यूनिवर्सिटी के लिए अप्लाई करते हैं। जिस तरह के हालात अभी भारत में उसे देख कर यह कहा जा सकता है कि भारत के छात्र भी अगले एक दो वर्ष तक कहीं नहीं जाने वाले हैं।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

4 days ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

4 days ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 week ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

3 weeks ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

2 months ago

भाजपा को पूरी ताकत से लाओ, क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम मेरा : ओल्ड फरीदाबाद विधानसभा प्रत्याशी विपुल गोयल

भारतीय जनता पार्टी के फरीदाबाद विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री विपुल गोयल ने…

2 months ago