अगर बच्चों को बचपन से ही अपने आस-पास के जानवरों के प्रति सेवा के संस्कार दिए जाएं तो वे परिवार और समाज के प्रति एक जिम्मेदार नागरिक बनेगें , क्योंकि ये सेवा-भाव फिर उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जायेगा । परिवार के बड़े लोगों को स्वयं दया और सेवा का भाव दिखाकर बच्चों को प्रेरित करना चाहिए । अगर हर व्यक्ति अपने आस-पास के जानवरों के भोजन – पानी,बीमारी का ध्यान रखें तो हम संसार से पीड़ा कम कर सकेंगे और एक ऐसे विश्व का निर्माण कर सकेंगे जहां हर जीव सुखपूर्वक रह सके।
जब से मानव ने सभ्यता सीखनी शुरू की और अपना विकास करना प्रारम्भ किया, लगभग तभी से उसने जानवरों के महत्व को भी समझ लिया था. उसने कुत्तों की वफ़ादारी को देखा और उसे अपना साथी बना लिया, जिससे उसे सुरक्षा मिली तो अपने भोजन और भूख की समस्याओं से निपटने के लिए उसने गाय और भैंस पालने शुरू कर दिए. सामान ढोने में उसने खच्चर तथा गधे को इस्तेमाल किया और अपनी यात्राओं को सुगम बनाने के लिए मानव ने घोड़े तथा ऊंट को चुना. साफ़ तौर पर मानव सभ्यता के विकास में पशुओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इसी क्रम में, बैल तथा भैसों से कृषि का काम कराना शुरू किया और इस तरह ये जानवर इनके सुख-दुःख के साथी बन गए. लेकिन जैसे-जैसे मानव आधुनिक होता गया उसकी निर्भरता जानवरों पर कम होती गयी और इनकी जगह मशीनों ने ले लिया. आज जानवरों को उन्हीं चंद लोगों द्वारा पाला जाता है जो इनसे अपनी आजीविका चलाते हैं. जाहिर है कि इनमें अधिकांश किसान ही हैं. हालाँकि, बढ़ती महंगाई की वजह से अब किसानों के लिए भी पशुपालन समस्या बन गया है।
लेकिन अब इन बेजुबानों को कुछ लोग अपना शिकार बनाते है और अपनी खुशी के लिए इन बेजुबानों को मारते , भगाते है। कुछ लोग तो हेवानियात कि सारी हदें पार कर देते है और इनको जान से मार देते है, परन्तु समाज में अब भी बहुत लोग इन बेजुबानों को प्यार करते है और उन्हें इनकी पीड़ा का एहसास भी है।
कभी इन बेजुबानों को भूखा रहना पड़ता है ,सर्दी में ठंड और गर्मी में गर्म। ये अपनी पीड़ा ना किसी को बता सकते है और ना ही बोल सकते है।
आज सेक्टर 21 C में इन्हीं सब बातो को लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने एक आयोजन किया जिसमें मुख्य अतिथि डीसीपी डाक्टर अर्पित जैन रहे।
इसका आयोजन रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद सिटी, मी और माइ हुमन संस्था द्वारा किया गया।
डॉक्टर अर्पित जैन ने कहा कि जानवरों पर अत्याचार बंद हो और लोग इनके प्रति अपने नजरिए को बदले।
रोटरी क्लब ऑफ फरीदाबाद सिटी के प्रधान डाक्टर हेमंत अत्री ने बताया कि वो भी ऐसी संस्थाओं का साथ देगे जो इन बेजुबानों के लिए काम कर रहे है, उन्होंने बताया कि इन बेजुबानों को भी प्यार करे और इनके लिए सबको आगे आना होगा।
रोटरी ब्लड बैंक के दीपक प्रसाद जी ने भी इस बात का समर्थन किया और उन्होंने बताया कि ये संस्कार बच्चो में भी देने होंगे।
इस मौके पर रोटरी ब्लड बैंक के ट्रस्टी प्रेम पसरिचा, नवीन पसरिचा मौजूद रहे।
इसमें चांदनी आज़ाद ,संगीता नेगी,दिनेश , डाक्टर नवीन भारद्वाज,सागर ,कृष्ण और टीम ने हिस्सा लिया ।
अंत में कार्यक्रम की आयोजक और प्रधान वृंदा शर्मा ने सबका धन्यवाद किया और उनके द्वारा किया गए काम हमेशा चलता रहेगा ये कहकर राष्ट्रीय गान और भारत माता कि जय के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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