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क्या किसान आंदोलन हरियाणा की राजनीति का पलटेगा पासा, कांग्रेस ने लगाई मनोहर सरकार पर दूरबीन

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जहां सैकड़ों किसानों का न्याय मांगने की प्रक्रिया अब आंदोलन के रूप में तब्दील हो चुकी है। वही एकाएक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर उन्हीं के सहयोगी दलों की तरफ से लगातार दवाब की स्थिति उत्पन्न की जा रही है।

जिस तरह बीजेपी के चुनिंदा नेताओं द्वारा ही केंद्र सरकार को समर्थन देने का निर्णय वापस लिया जा रहा है, त्यों त्यों हरियाणा सरकार पर दबाव बनता दिखाई दे रहा है। जहां पिछले दिनों निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान के सरकार से समर्थन वाले ऐलान को वापस लेने के बाद सही कांग्रेस सरकार की निगाहें लगातार स्थिति का आकलन कर रही है।

क्या किसान आंदोलन हरियाणा की राजनीति का पलटेगा पासा, कांग्रेस ने लगाई मनोहर सरकार पर दूरबीन

कांग्रेस पार्टी कयास लगा रही है कि हो सकता है आने वाले समय में कुछ अन्य विधायकों द्वारा भी अपना समर्थन वापस लिया जा सकता है।

उधर हरियाणा के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का कहना है कि किसान आंदोलन ने हरियाणा में राजनीति पर पलटवार किया है। यही कारण है कि हरियाणा में स्थिति बदली हुई और डरी हुई दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं इसका असर अब गठबंधन सरकार यानी जेजेपी पार्टी पर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है।

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जिस तरह निर्दलीय विधायक सॉन्ग सांगवान के समर्थन के बाप से के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर भी दबाव बढ़ते हुए दर्ज किया गया। बताते चलें वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया था, जिसके बाद पार्टी ने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी के दस विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है।

उन्होंने कहा कि कृषि बिल के पारित होने से ना सिर्फ किसानों में नाराजगी है। वही गठबंधन सरकार यानी जननायक जनता पार्टी के अंदर भी नाराजगी साफ तौर पर बढ़ती हुई दिखाई दी है। उन्होंने कहा कि वैसे तो उक्त पार्टी के कई विधायक खुल कर किसान आंदोलन का समर्थन करना चाहते हैं

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पर बीजेपी गठबंधन ने उनके पैरों में जंजीर डाल दिए हैं। दूसरी तरफ जींद की खापों ने भी जजपा विधायकों पर दबाव बढ़ा दिया है। खाप अब इस बात के लिए दबाव बना रही है कि जजपा भाजपा से संबंध तोड़कर किसानों का साथ दे।

कांग्रेस पार्टी नेता मानते हैं कि केंद्र सरकार और किसानों के बीच तनाव बढ़ता है, तो इसका सीधा असर हरियाणा सरकार की स्थिरता पर पड़ेगा। जजपा पर दबाव बढ़ेगा और आखिरकार जजपा को किसानों के साथ खड़ा होना भी होगा। क्योंकि, जजपा को ग्रामीण इलाकों में वोट मिला था, वह किसानों का ही वोट था।

ऐेसे में दुष्यंत चौटाला किसान आंदोलन पर चुप रहते हैं, तो किसान और ज़्यादा नाराज हो सकते हैं। इसका सीधा- सीधा असर ना सिर्फ बीजेपी पार्टी बल्कि जननायक जनता पार्टी पर भी आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। अब देखना यह है कि केंद्र सरकार का यह फैसला हरियाणा की गठबंधन सरकार पर क्या मुसीबत खड़ी करेगी।

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