किसान आंदोलन की रफ़्तार और तेज़ होती नजर आ रही है इस आंदोलन में रोज हजारो की संख्या में किसान शामिल हो रहे है और इस आंदोलन की लौ को प्रचंड अग्नि का रुप दे रहे है सरकार द्वारा किसानो के लिए बनाये गए तीन कृषि कानून के विरोध में 16 दिनों से किसान दिल्ली की सटी सीएमओ को पर बैठे है दिल्ली को जोड़ने वाली 7 सीमाओं में से किसानो ने 4 को सील कर दिया है ।
किसान नेता कमल प्रीत ने कहा की इस आंदोलन को और गति दी जाएगी , इसी कड़ी में राजस्थान से हजार किसान दिल्ली आ रहे है उनके द्वारा दिल्ली -जयपुर हाईवे को जाम किया जाएगा उन्होंने कहा की केंद्र सरकार ने इस आंदोलन को विफल करने की कोशिश की थी। लेकिन हमने सरककर की सभी उम्मीदों पर पानी फेर दिया ।
किसान नेता ने कहा की सरकार हमको पृथक करने का प्रयास कर रही है लेकिन जब तक हमारी बात सरकार नहीं मानती तब तक हम शान्तिपर्वक प्रदर्शन करते रहेंगे। 14 दिसम्बर को हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर कई किसान नेता एक साथ मंच पर होंगे और भूख हड़ताल करंगे ।
डिप्टी सीएम बोले किसान के हक़ मेरी जिम्मेदारी
वही हरियाणा के डिप्टी सीएम ने कहा की उनहोने कई बार केंद्र सरकार से बात की है साथ ही उनहोने कहा की जिस तरह से केंद्र सरकार अपनी बात रख रही है उससे लगता है की सरकार इस बात को ख़त्म करना चाहती है । उन्होंने कहा की यह 24 से 48 घंटे निर्णायक हो सकते है आपका नेता होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है की में किसानो का साथ दू और उनके हको की रक्षा करू ।
नहीं मानी बात तो करेंगे भूख हड़ताल
साथ ही किसान नेता गुरनाम सिंह ने शनिवार को बताया की पंजाब से आने वाले कई ट्रॉलियों को सरकार ने रोक दिया था हम सरकार से विनती करते है की सभी किसान भाइयो को दिल्ली आने दे यदि सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हम गुरु तेग बहादुर के शहादत के दिन हम भूख हड़ताल करेंगे ।