हरियाणा : कृषि कानूनों को लेकर किसान और सरकार के बीच किसान का दौर जारी है। 20 दिन होने को है लेकिन ना तो इसका अंत होता हुआ दिखाई दे रहा है। ना ही कोई समाधान होने के आसार देखने को मिले है। जहां सरकार द्वारा किसानों को मनाने की हर मुमकिन प्रयास किए जा रहे हैं। वही बढ़ती हुई ठंड और प्रदूषण के वातावरण के बीच हुई सरकार किसानों की मांग पूरी करने को तैयार नहीं है।
पहले ही कई किसान इस आंदोलन के बीच अपनी जान गवा चुके हैं। ऐसे में जो किसान आंदोलन कर रहे हैं, उनकी हालत भी बढ़ती ठंड में कुछ ठीक महसूस नहीं हो रही है। सुबह से शुरू हुई ठंडी हवा दोपहर को कहीं जाकर राहत तो वहीं शाम और रात कड़कड़ाती ठंड में घर के बाहर कदम रखना भी दुश्वार हो जाता है। ऐसे में जो किसान खुले आसमान के नीचे बिना बिस्तर अपने आंदोलन में जी जान से जुटे हुए हैं उनकी हालत पर क्या असर होगा इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक ठंडी के चलते सरकार की तरफ से एंबुलेंस की सेवा मुहैया करवाई गई है। मुहैया कराई गई टीम के डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि किसानों के लिए इमरजेंसी सेवा में 15 एंबुलेंस तैनात हैं।
ये एंबुलेंस जीटी रोड पर हर 50 मीटर की दूरी पर खड़ी की गई हैं। उन्होंने आगे बताया कि सरकार ने जरूरत पड़ने पर किसानों की मदद के लिए 50 डॉक्टरों की एक टीम बनाई है, जो सिंघु बॉर्डर पर ही मौजूद है।
अगर किसानों को स्वास्थ्य संबंधित किसी भी तरह की समस्या भी उत्पन्न होती है तो उनके लिए भी दवाई उपलब्ध करवाई जाएगी। इतना ही नहीं संभावित हादसा से निपटने के लिए भी पूरी व्यवस्था हरियाणा सरकार द्वारा कर दी गई है। डॉ. दिनेश ने बताया कि किसी इमरजेंसी हालात में एंबुलेंस मरीज को लेकर तुरंत सिविल अस्पताल, सोनीपत पहुंचाएगी। वहां उनका इलाज किया जाएगा।
अगर सिविल अस्पताल में भी बात नहीं बन पाई तो उन्हें रोहतक के लिए रेफर किया जाएगा। इसके साथ ही किसानों के लिए बनाई गई ओपीडी में भी 24 घंटे सेवा मिल रही है। उन्होंने बताया कि इन सुविधाओं का किसान भी भरपूर उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी किसानों को अन्य प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ा था लेकिन अब हरियाणा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई इस सुविधा का किसान भरपूर लाभ उठा सकेंगे।