आप सभी को पता है की गार्ड के हरी झंडी दिखाने के बाद ही ट्रेन प्लेटफॉर्म से रवाना होती है लेकिन अब ये नियम हटने जा रहे है। जी हां भारतीय रेलवे ऐसी तकनीक लागू करने जा रहा है जिससे कि इतिहास ही बदल जाएगा।
अंग्रेजो के जमाने से चली आ रही भारतीय रेलवे की पुरानी पहचान जिसमें अब बड़े बदलाव की तैयारी होने जा रही हैं। ट्रेन को चलाने में संचालक की भुमिका निभाने वाले गार्ड की सेवाएं रेलवे अब हटाने जा रही है।
रेलवे आने वाले समय में इसे अन्य कार्यो में लेगा। इसका मतलब अब रेलवे की ट्रेनें बगैर गार्ड के पटरी पर दौड़ेगी। रेलवे गार्ड के बदले उनके डिब्बे में एंड ऑफ ट्रेन टेरिमेंटरी (ईओटी) सिस्टम लगाने जा रहा है।
अगले माह से करीब एक हजार मालगाडियों से इसकी शुरुआत होगी। इससे लाभ ये होगा कि मंडल में अधिक काम या अवकाश नहीं मिलने की गार्ड की शिकायते बंद होगी। आपको बता दे कि इस विदेशी तकनीक का ट्रायल मालगाड़ियों पर पहले किया जाएगा।
भारतीय परिवेश में अगर यह तकनीक बिना किसी खामी के ट्रायल टेस्ट में पास हो जाती है तो जल्द ही इसको सवारी ट्रेनों में भी इंस्टाल किया जाएगा। रेलवे अब अपनी ट्रेनों से गार्ड के कोच को हटाकर वहां खास मशीन लगाने जा रहा है।
यह मशीन ट्रेन के अंतिम कोच के साथ फिट की जाएगी जो, सिग्नल के जरिये लोको पायलट को सारी अहम जानकारी देती रहेगी। जानकारी के लिए बता दे कि इससे पहले अब तक ये काम ट्रेन के अंतिम कोच में ड्यूटी कर रहे गार्ड का होता है।
गार्ड के हरी झंडी के बाद ही ट्रेन प्लेटफॉर्म से रवाना होती है। इसी के तहत लगभग देश की एक हजार गुड्स ट्रेनों में यह सिस्टम लगाए जाने की शुरूआत होने जा रही है। इसमें बरेली से गुजरने वाली मालगाड़ियां भी शामिल हैं।
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