नीलम फ्लाईओवर के नीचे कबाड़ में आग लगने के कारण पूरा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, और वहां से वाहनों का आवागमन अवरुद्ध हो गया था। एक तरफ से लोगो का आवागमन शुरू किया गया था।
जिसकी वजह से नीलम पुल पर जाम की स्थिति बनी रहती थी। लेकिन इस स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार की और से जुगाड़ू कार्य किया गया है ।दो पहिये वाहनों के आवागमन कर लिए नीलम पुल का दूसरा हिसा भी दीवार तोड़कर खोला गया है ।ताकि दो पहिये वाहनों की आवाजाही हो सके और जाम की स्थिति में थोड़ा नियंत्रण हो सके।
नीलम चौक से अजरौंदा की ओर जाने वाली लेन की दीवार को दो जगह से तोड़ कर दो पहिया वाहन चालकों के लिए जाने का रास्ता खोला गया है ।
परंतु सवाल यह उठता है कि क्या दीवार तोड़ना हल है हर समस्या का ??? जाम की स्थिति नियंत्रण करके क्या औधोगिक नगरी स्मार्ट बन जाएगी???
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