निकिता तोमर हत्याकांड में मंगलवार को आरोपी अजरुद्दीन की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया। मंगलवार को अदालत में आठ लोगों की गवाही होनी थी. इसमें से 2 गवाह अदालत नहीं पहुंचे और एक गवाह की गवाही दर्ज़ नहीं कराई गयी. केवल 5 गवाहों के बयान ही अदालत में दर्ज़ कराये गए. अदालत में अगली सुनवाई अब 4 और 5 जनवरी को होगी।
जांच अधिकारी एएसआई बद्रीनाथ ने साल 2018 में हुए निकिता के अपहरण मामले में अदालत में कहा कि उन्होंने निकिता तोमर को सोहना स्थित तौसीफ के घर से बरामद किया था। और पीड़िता की मेडिकल जांच के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया गया था।
इस पर बचाव पक्ष ने बद्रीनाथ से उसकी रिपोर्ट में निकिता व उसके पिता मूलचंद द्वारा दिया गया समझौते का शपथपत्र दिखाने को कहा जो वह नहीं दिखा पाए।
इसके अलावा एएसआई कमलेश, सिपाही दीपक, सिपाही नसीब व सिपाही प्रवीण की गवाही हुई। केएमपी टोल ऑपरेटर अभिजीत सक्सेना व वोडाफोन के नोडल अधिकारी मंगलवार को उपस्थित नहीं हो सके।
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