फरीदाबाद: बी के अस्पताल में डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) कोर्स के लिए सुविधाओं का जायजा लेने के लिए टीम ने निरक्षण किया। बी के अस्पताल के जिला सिविल सर्जन डॉ. रणदीप सिंह पुनिया ने बताया की मंगलवार को दिल्ली स्थित मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉक्टर संगीता गुप्ता व उनकी टीम आई थी।
टीम ने अस्पताल का दौरा किया और अस्पताल में चल रही विभिन्न सुविधाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने एनआरएचएम के तहत विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। डीएनबी कोर्स पास करने के बाद जहां शहर के विशेषज्ञ डॉक्टर मिलेंगे वहीं मरीजों को बेहतर इलाज के लिए शहर से बाहर जाने की जरूरत नहीं रहेगी।
उन्होंने बताया की शहर के तीन निजी अस्पतालों में डिप्लोमेट ऑफ नैशनल बोर्ड (डीएनबी) कोर्स चल रहे हैं। अब जल्द ही बीके अस्पताल में भी इसको शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया की बी के अस्पताल में डीएनबी आई का कोर्स शुरू हो चुका है। इसको लेकर बीके अस्पताल की दूसरी मंजिल पर ऑपरेशन थियेटर के पास कोर्स के लिए कमरें बनाये गए है।
डीएनबी गायनी कोर्स के इंचार्ज डॉक्टर प्रोणिता रहेंगे। इसके आलावा डॉक्टर अर्पणा और डॉक्टर पूनम भी साथ रहेंगे। अस्पताल में डीएनबी कोर्स तीन फैकल्टी मेडिसिन, आई और गायिनी में होगा। यह कोर्स 3 साल का होगा। डीएनबी कोर्स के छात्रों की क्लास अस्पताल में करीब 10 साल से कार्यरत वरिष्ठ डॉक्टर लेंगे।
कोर्स पूरा होने के बाद छात्रों को नैशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन के तहत होने वाली परीक्षा भी देनी होगी। बीके अस्पताल में डीएनबी कोर्स शुरू होने के बाद स्टूडेंट्स एनआईटी 3 नंबर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जाकर भी कुछ लेक्चर व प्रक्टिकल में भाग लेंगे।
उन्होंने बताया की बीके अस्पताल में कई स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है, जिस वजह से मरीजों को दिल्ली व निजी अस्पताल में जाकर उपचार कराना पड़ता है। इस वजह से बीके अस्पताल स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए डिप्लोमेट ऑफ नैशनल बोर्ड (डीएनबी) कोर्स को शुरू किया जा रहा है। इस मौके पर उनके साथ जिला सिविल सर्जन डॉ. रणदीप सिंह पुनिया, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रमेश, पीएमओं डॉ. विनय गुप्ता और डॉ. रचना मुख्य रूप से मौजूद रही।
डीएनबी तीन साल का पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स है। शहर के तीन निजी अस्पतालों में यह कोर्स चल रहा है, लेकिन अब बीके अस्पताल में भी इसे शुरू किया जा चुका है। इसे एमबीबीएस के बाद किया जाता है और डीएनबी करने वाले छात्रों को एमडी या फिर एमएस के बराबर माना जाता है।
एमडी और एमएस (पीजी) किसी मेडिकल कॉलेज से होते हैं। लेकिन डीएनबी किसी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से किया जा सकता है। इसे भारत सरकार के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री की तरफ से शुरू किया गया है।
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