किसान आंदोलन :अपना खून बहाकर राष्ट्रपति के नाम लिखी किसानों ने चिट्ठी ,क्या होगा परिणाम ?

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फरीदाबाद : ज्यों ज्यों मौसम का पारा लुढ़क रहा है, त्यों त्यों किसानों का विरोध प्रदर्शन भी मिजाज बदल रहा है। पिछले कई दिनों से किसानों द्वारा कृषि बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। इसी कड़ी में दहिया खाप के गांव पहुंच सैकड़ों किसानों ने कड़ाके की सर्दी में अर्धनग्न हालत में धरने पर बैठे।

हरियाणा के किसानों को समर्थन देने के लिए महिलाएं भी प्राचीन वेशभूषा घाघरी-कुर्ता व चुंदड़ी में पहुंचीं। पंजाब के किसानों ने भी आज राष्ट्रपति के नाम खून से चिट्‌ठी लिखकर भेजी।

किसान आंदोलन :अपना खून बहाकर राष्ट्रपति के नाम लिखी किसानों ने चिट्ठी ,क्या होगा परिणाम ?

बुधवार को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर धरनास्थल पर ही किसान दिवस मनाया। हरियाणा के दहिया खाप के किसान तो सुबह 7 बजे से अर्धनग्न हालत में धरने पर बैठ गए। कड़ाके की ठंड में किसान चांद पहलवान, कृष्ण दहिया, गांधी ठेकेदार, मित्रसिंह, जयभगवान दहिया खेड़ी मनाजात, राजबीर सिसाना, सांडू दहिया, बंटा दहिया,

दीपक ठेकेदार ने प्रदर्शन किया। चांद ने कहा कि मोदी सरकार ने ऐसा कानून बनाया है। यदि लागू हो गया तो तन पर कपड़े भी नहीं बचेंगे। यदि सरकर न मानी तो सैकड़ों किसान अर्धनग्न होकर संसद तक जाएंगे। इधर, सिसाना गांव से 8 ट्रैक्टर-ट्राॅलियों में दहिया खाप के किसान सब्जी, दूध, फल, लकड़ी लेकर धरनास्थल पर पहुंचे।

किसान आंदोलन :अपना खून बहाकर राष्ट्रपति के नाम लिखी किसानों ने चिट्ठी ,क्या होगा परिणाम ?

ट्राॅलियों में महिलाएं हरियाणवीं वेशभूषा में पहुंचीं। घाघरा-चुंदड़ी पहनकर आई संतोष बोली- हमारे घरबाले 27 दिन से यहां धरने पर बैठे हैं। सरकार जुल्म कर रही है। जब खेत नहीं बचेंगे तो सरकार भला कैसे करेगी। उन्होंने परिवार से अलग होकर मोदी की पार्टी को वोट दिया था। अब पति-ससुर धरने पर बैठे हैं। तो पता चला कि वे सही थे, मैं गलत। गलती सुधारने के लिए यहां आई हूं।

पंजाब के 477 किसानों ने किसान दिवस के मौके पर अपने खून से राष्ट्रपति के नाम चिट्‌ठी लिखी, जिसमें पीएम को तानाशाह बताया। देश में भाजपा सरकार भंग करने की मांग की की। सरदार मंजीत सिंह ने कहा कि किसानों ने खून से चिट्‌ठी लिखकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।