भारतीय राजनीति के युगपुरुष, पूर्व प्रधानमंत्री, महान कवि, भारत रत्न, परम श्रद्धेय स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्म जयंती के उपलक्ष्य पर आज भारतीय जनता पार्टी फ़रीदाबाद ज़िला कार्यालय पर ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा और ज़िला पदाधिकारियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण करके श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनको नमन किया।
इस अवसर पर ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने उनको स्मरण करते हुए उनके जीवन परिचय को कार्यकर्ताओं के सामने रखा I अपने सम्बोधन में ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ। वाजपेयी जी अपने छात्र जीवन के दौरान पहली बार राजनीति में तब आए जब उन्होंने वर्ष 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। वह राजनीति विज्ञान और विधि के छात्र थे और कॉलेज के दिनों में ही उनकी रुचि विदेशी मामलों के प्रति बढ़ी। 1951 में भारतीय जन संघ में शामिल हो गए । अटल जी राजनीति के क्षेत्र में चार दशकों तक सक्रिय रहे।
वाजपेयी जी 1980 में गठित भाजपा के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे। अटल बिहारी वाजपेयी जी 1996 में पहली बार प्रधानमंत्री बने I 13 अक्टूबर 1999 को उन्होंने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया। उन्होंने अंतोदया अन्न योजना और सर्व शिक्षा अभियान जैसी काफ़ी योजनाओं के माध्यम से देशवासियों को सशक्त करने का कार्य किया I सुशासन को आज की राजनीति का अहम हिस्सा बनाने का श्रेय उनको जाता है I ग़रीब और किसानों के हित में बनने वाली सभी योजनाओं में भ्रष्टाचार के सख़्त ख़िलाफ़ थे इसलिए भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए सख़्त कदम कदम उठाए I
अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी को विश्वस्तर पर मान दिलाने के लिए काफी प्रयास किए। वह 1977 में जनता सरकार में विदेश मंत्री थे। संयुक्त राष्ट्र संघ में उनके द्वारा दिया गया हिंदी में भाषण उस समय काफी लोकप्रिय हुआ था। इसके बाद कई बार अंतरराष्ट्रीय मंच पर अटल ने हिंदी में दुनिया को संबोधित किया। 1998 में पोकरण परमाणु परीक्षण उनकी इस सोच का परिचायक था कि भारत दुनिया में किसी भी ताकत के आगे घुटने टेकने को तैयार नहीं है। अटल जी के दिल में एक राजनेता से कहीं ज्यादा एक कवि बसता था। उनकी कविताओं का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोलता रहा है।
‘बाधाएं आती हैं आएं,
घिरें प्रलय की घोर घटाएं,
पांवों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएं,
निज हाथों में हंसते-हंसते,
आग लगाकर जलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा।’
अपनी इन्हीं पंक्तियों की तरह थे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी। अपनी पार्टी का नेता हो या विरोधी पार्टी का, सबको साथ लेकर चलने की खूबी उन्हें दूसरे नेताओं से अलग करती थी। यही कारण था कि उन्हें अजातशत्रु भी कहा जाता था। आजीवन अविवाहित रहे अटलजी को अटलजी को 2015 में सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत के प्रति निस्वार्थ समर्पण और समाज की सेवा के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया। उन्होंने देश के लिए अपने जीवन को समर्पित कर दिया I
ज़िला अध्यक्ष और ज़िले के सभी कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम में भाग किया I ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा देश के 9 करोड़ अन्नदाता किसान भाइयों के खाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 18000 करोड़ की राशि उनके बैंक खातों में हस्तांतरित करने का स्वागत किया I
ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की देश की सरकार ने अन्नदाता किसानों को सशक्त करने का कार्य किया है I भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गाँव गाँव जाकर किसान भाइयों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संवाद सुना और किसानों को कृषि सुधार क़ानून के बारे में जानकारी दी I
इस कार्यक्रम में ज़िला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, ज़िला महामंत्री मूलचंद मित्तल, आर एन सिंह, ज़िला प्रशिक्षण प्रमुख प्रवीण चौधरी, ज़िला मीडिया प्रभारी विनोद गुप्ता, महिला मोर्चा अध्यक्षा राज़बाला सरदाना, महिला मोर्चा सोशल मीडिया संयोजक प्रिया सहगल, कार्यालय सचिव सचिन गुप्ता, हुक्म बघेल, मनीष यादव, ज़िला पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे I
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