किसानो के सुर सरकार के खिलाफ और तल्ख़ होते जा रहे है यह सरकार के लिए नुकसानदायक हो सकता है सबसे ज्यादा इस बात की गाज सहयोगी पार्टी जजपा पर पड़ सकती है। इस समय किसान जजपा पार्टी से नाराज है सभी किसानो का मानना है की खुद को किसान नेता कहने वाले छोटे सरकार ( दुष्यंत चौटाला ) अपनी बात से मुकर रहे है ।
सरसौद-बिछपड़ी टोल प्लाजा पर जाते समय भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशअध्यक्ष चढूनी ने कहा की यह दुर्भाग्यपूर्ण है की यहां के 2 बड़े नेता जो खुद को किसान नेता के वंशज कहते हैं उन्होंने हरियाणा की लुटिया डुबो के रख दी है साथ ही उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला को प्रदेश की जनता ने अपना समझकर भाजपा के खिलाफ वोट दिए थे ।
लेकिन सत्ता में अंधे छोटे सरकार ने भाजपा को वोट के रूप में जनता का विश्वास बेच दिया और अब तो दुष्यन्त चौटाला मध्यस्थता की बात कहकर ढोंग रहे हैं वह इस बात की काबिल नहीं सरकार और किसानों के बीच की कड़ी बन सके सर छोटूराम के 2 हफ्ते वीरेंद्र सिंह को किसानों के समर्थन का ढोंग रच रहे हैं ।
यदि वह सच में किसानों का हित चाहते हैं तो अपने बेटे से सांसद पद का इस्तीफा दिलवा दे और यहां बैठकर हमारे साथ समर्थन करें नगर निगम परिषद और नगर पालिका के चुनाव के लिए उन्होंने कहा कि जनता अपनी मर्जी से वोट करें लेकिन याद रखें कि जिस व्यक्ति से किसानों का समर्थन किया उसने देश का समर्थन किया ।
आगे उन्होंने आगे कहा कि लोगों को उद्योगपतियों के उत्पादकों का संस्कार करना चाहिए सरकार द्वारा वार्ता के लिए चिट्ठी लिखने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने उनको 5 बार बुलाया और में 5 बार गए हैं सरकार ध्यान ही कर रही है