महामारी के कारण ख़राब हालातों से गुज़र रहे पर्यटन इंडस्ट्री को कुछ राहत मिलती दिखाई दे रही है। प्रदेश के पर्यटन विभाग की तरफ से सूरजकुंड मेला परिसर खोल दिया गया है। जहां अब आप प्रकृति के सुंदर नज़ारों के साथ शूटिंग और फोटोग्राफी कर सकते हैं। हालांकि, हर साल अरावली की वादियों में मिनी भारत की झलक पेश करने वाले इंटरनैशनल सूरजकुंड क्राफ्ट मेले का लुत्फ पर्यटक नहीं उठा पाएंगे।
हर साल होने वाले सूरजकुंड मेले में मिनी भारत की झलकियां पेश होती हैं। अरावली की पहाड़ियों में बसा सूरजकुंड मेला अपने 35 साल के सफर में मिनी भारत बन चुका है।
फरीदाबाद की शान सूरजकुंड विश्व में अपनीछाप छोड़ चुका है। सूरजकुंड – यह नाम सुनते ही आपके सामने उस प्रसिद्द मेले का रंगीन सा दृश्य उभर आता है, जो पूरे भारत को एक साथ आपके सामने प्रस्तुत करता है। महामारी ने लोगों की लाइफस्टाल को पूरी तरह से बदल दिया है तो वहीं बड़े से बड़े फेस्टिवल पर भी इसका असर दिखाई दे रहा है।
सूरजकुंड मेला में आप भारत के विभिन्न क्षेत्रों की विशेष और परिचयात्मक वस्तुएं एक ही स्थान पर एकत्रित पाते हैं। हर साल किसी न किसी प्रदेश को थीम स्टेट के रूप में चुना जाता है। फरवरी महीने में आयोजित होने वाला सूरजकुंड क्राफ्ट मेला इस साल आयोजित नहीं होगा।
देश भर के कारीगर इस मेले में अपनी हस्तकलाओं की वस्तुएं लेकर आते हैं। सरकार ने मेले को स्थगित कर दिया है। हरियाणा टूरिजम अधिकारियों की मानें तो अब अप्रैल महीने में सरकार फिर से रिव्यू करेगी कि मेले का आयोजन करना भी है या नहीं।
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