Categories: Uncategorized

आपसे अधिक कमाई तो इस फरीदाबाद के लंगूर की है, काम और दाम जानके आप भी खाएंगे गुलाटी

किसी भी अस्पताल में मरीज अपना उपचार करवाने के लिए आते देखे होंगें। लेकिन जिले में एक अस्पताल ऐसा भी है, जहां लंगूर भी अस्पताल में ड्यूटी करने के लिए आता है। लंगूर की ड्यूटी का समय सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 5 बजे तक का है। अस्पताल में मरीजों के साथ साथ बंदर भी अपना उपचार व पेट पूजा करने के लिए आते हैं ।

अस्पताल में आने वाले बंदरों की वजह से मरीजों, डाॅक्टरों व अधिकारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसके चलते अस्पताल की ओर से एक लंगूर को बंदरों को भगाने के लिए ड्यूटी पर रखा गया है। जिसको वह हर महीने 17 हजार रूपये सैलरी देते है।

आपसे अधिक कमाई तो इस फरीदाबाद के लंगूर की है, काम और दाम जानके आप भी खाएंगे गुलाटी

एनआईटी 3 नंबर स्थित ईएसआईसी मेडिकल काॅलेज व अस्पताल में हर रोज करीब 1500 मरीज अपना उपचार करवाने के लिए आते है। इसके अलावा अस्पताल व मेडिकल काॅलेज में सैकड़ों व्यक्ति कार्य करने के लिए आते है। मरीज, कर्मचारियों व अधिकारियों के अलावा उक्त अस्पताल में बंदरों का झुंड भी आता है। बंदरों की वजह से वह पर आने वाले मरीजों के साथ साथ काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को भी बंदर काफी परेशान करते है। मरीजों ने बताया कि सर्दी के दिनों में उनके परिजन अस्पताल परिसर के अंदर बने पार्क में बैठ जाते है। लेकिन बंदरों की वजह से वह वहां पर बैठ नहीं पाते हैं। इसके अलावा अगर कोई लंच के समय खाना खाने के लिए बैठते है तो बंदर उनका खाना लेकर भाग जाते है।

बंदरों की वजह से जो परेशानी हो रही थी। उसके चलते अस्पताल की ओर से एक लंगूर को नौकरी पर रखा गया। जोकि सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बंदरों को भगाने का काम करता है। डबुआ काॅलोनी निवासी जितेंद्र ने बताया कि वह कुछ साल पहले जयपुर से एक लंगूर को पकड़ कर आया था। उसके बाद वह साल 2015 से ईएसआईसी अस्पताल में बंदरों को भगाने के लिए कार्य कर रहे है। उन्होंने बताया कि वह सुबह 9 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक बंदरों को भगाने के लिए लंगूर को लेकर आते है। अस्पताल की ओर से उनको हर महीने 17 हजार रूपये दिए जा रहे है। उन्होंने बताया कि अगर वह एक भी दिन नहीं आता है तो बंदर डाॅक्टर के कमरों के अंदर तक पहुंच जाते है। इसलिए वह छुट्टी नहीं करते है। उन्होंने बताया कि महामारी के दौरान भी वह अपने लंगूर को लेकर आए थे। अधिकारियों का कहना है कि बंदरों की वजह से मरीज व स्टाॅफ को काफी परेशानी हो रही है। इसी वजह से एक लंगूर को बंदरों का भगाने के लिए रखा हुआ है।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

ओम योग संस्थान ट्रस्ट ने हर्षोल्लास के साथ अपना अपना 26 वां वार्षिक उत्सव

ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…

4 weeks ago

एचिस्टा 2K24: संगीत, कला और प्रतियोगिता से भरपूर दूसरा दिन

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…

1 month ago

एचिस्टा 2K24: ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में नवाचार, संस्कृति और रचनात्मकता का शानदार समापन

एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…

1 month ago

ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद का ECHIESTA 2K24 उद्घाटन समारोह: एक शानदार शुरुआत

फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA  2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…

1 month ago

IMT मेंं पांच दिन करेंगे सिहोर वाले प्रदीप मिश्रा भगवान शिव का गुणगान,सजा पंडाल

बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…

2 months ago

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने आयोजित किया ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता

विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…

3 months ago