तड़के वाली दाल हो और पराठे तो खाने का स्वाद ही जाता है परन्तु इन दिनों आमजन इस स्वाद से वंचित होते जा रहे है या ये कहे कि वनस्पति घी और तेल की बढ़ती कीमतों ने दाल में पड़ने वाले तड़के के स्वाद को फीका कर दिया है। वनस्पति घी और तेल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिससे रसोई का बजट बिगड़ गया है।
दरअसल, पिछले एक महीने में वनस्पति घी की कीमतों में 30- 35 रुपए प्रति लीटर तथा तेल की कीमतों में 35- 40 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हुआ है। इसके अलावा रिफाइंड ऑयल की कीमतों में इजाफा हुआ है। जहां रिफाइंड ऑयल की कीमत 90 से 100 रूपए प्रति लीटर होती थी वही अब इसकी कीमत 150 रूपए प्रति लीटर हो गई है।
हालांकि बढ़ती महंगाई से आमजन पहले ही जूझ रहा था वही अब वनस्पति घी और तेल की बढ़ती कीमतों ने खाने का स्वाद ही छीन लिया है। रिफाइंड ऑयल और वनस्पति घी और तेल की बढ़ती कीमतों के चलते लोग यह सोचने पर मजबूर हो गए है कि पराठे खाए जाए या सूखी रोटी से काम चलाया जाए। बढ़ती कीमतों का आम आदमी की जेब पर भी असर पड़ रहा है।
वनस्पति घी और तेल की कीमतों में पिछले एक महीने से इजाफा देखने को मिल रहा है। मिली जानकारी के अनुसार दिसंबर में सरसों के तेल की कीमत 110 रुपए तथा वनस्पति घी की कीमत 100- 110 रुपए थी वहीं अब सरसों तेल की कीमत 145 रुपए तथा वनस्पति घी की कीमत 140 रुपए हो गई है।
ऐसा माना जा रहा है कि सरसों तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का असर सरसों की फसलों पर भी देखने को मिल सकता है। मौजूदा समय में सरसों 5800 – 6000 रुपए प्रति क्विंटल बिक रही है।
बढ़ती कीमतों को लेकर व्यापारियों का कहना है कि वनस्पति घी की आवक विदेशों से होती है अभी आवक नही हो रही है इसलिए कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है।
Written by Rozi Sinha
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