करोड़ों रूपये की ठगी करने वाला गिरोह का पर्दाफाश, फरीदाबाद से किया चार आरोपियों को गिरफ्तार

करोड़ों रूपये की ठगी करने वाला गिरोह का पर्दाफाश, फरीदाबाद से किया चार आरोपियों को गिरफ्तार

जहां एक ओर देश गणतंत्र दिवस मना रहा था वहीं दूसरी ओर साइबर क्राइम के जरिए करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह को एसटीएफ नोएडा व खैरागढ़ पुलिस के द्वारा पर्दाफश किया गया। जिसमें फरीदाबाद जिले के सेक्टर 91 सूर्या विहार से चार आरोपियों को छह हजार ग्राहकों का डाटा, 6.59 लाख रुपये और लग्जरी गाड़ियों सहित अन्य सामान के साथ गिरफ्तार किया गया। एसएसपी बबलू कुमार ने एक प्रेस वार्ता में बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधी एनसीआर से ठगी का बड़ा गिरोह संचालित कर रहा था। यह गैंग विभिन्न बैंकों से ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड का डाटा प्राप्त कर लेता था। इसके बाद उन्हें कॉल करके जाल में फंसाकर ओटीपी पूछ लेता था। फर्जी ई कामर्स कंपनी बनाकर अब तक लोगों से एक करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके है।
इस मामले में एसबीआई कार्डस एंड पेमेंट लिमिटेड के अधिकारियों ने पिछले दिनों एडीजी एसटीएफ से शिकायत की थी। इसी संबंध में खेरागढ़ थाने में धोखाधड़ी और आइटी एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज हुआ था।


मंगलवार दिनांक 26 जनवरी को सूत्रों के अनुसार उनको सूचना मिली कि उक्त गैंग फरीदाबाद सूर्य नगर सेक्टर 91 में मौजूद है। जिसके बाद एसटीएफ टीम ने खेरागढ़ पुलिस के साथ सूर्य नगर में दबिश दी। गैंग को चलाने वाला मुख्य अरोपी सौरभ भारद्वाज समेत चार को गिरफ्तार कर लिया।एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि पूछताछ में आस महोम्मद उर्फ आशु ने बताया कि वह बीए पास है। वर्ष 2012 में दिल्ली में आ गया था। वर्ष 2012 से 2014 तक उसने एक सैलून में काम किया। इसके बाद ओखला दिल्ली में एक काल सेंटर में काम किया। यहां सौरभ भारद्वाज और मोनिका भारद्वाज भी काम करते थे। उसी काल सेंटर पर अजीत पाल नाम का लड़का भी काम करता था। वहीं पर अजीत से सौरभ और आस मोहम्मद ने विभिन्न बैंकों के क्रेडिक कार्ड धारकों का डाटा लेकर काल करके फर्जी तरीके से रुपये निकालने की धोखाधड़ी को सीखा। साल 2017 से सौरभ भारद्वाज और आशु ने अपना अलग काम शुरू कर दिया। दोनों के द्वारा ई कामर्स की फर्जी मर्चेंडाइज साइट बनाकर दोनों ने प्रताप एंटरप्राइजेज नाम से एक कंपनी बनाई। जिसका प्रोपराइटर सौरभ था और उसमें आस महोम्मद पार्टनर था। सौरभ भारद्वाज का मुख्य काम वेबसाइट बनाना और विभिन्न बैंकों के क्रेडिक कार्ड धारकों का डाटा एकत्र करना था।

सौरब यह डाटा मोनिका भारद्वाज से लेता था। इसके बदले वह मोनिका को 35 रुपये प्रति ग्राहक के डाटा के हिसाब से देता था। इस बैंकिग डेटा का प्रयोग यह लोग विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड धारकों को काॅल करके उनको विश्वास में लेकर उनसे ओटीपी नंबर एंव गुप्त पिन कोड प्राप्त करके ग्राहकों को अपनी बनाई हुई फर्जी प्रताप एंटरप्राइजेज की साइट पर जाकर शाॅपिग के नाम पर क्रेडिक कार्ड हाॅल्डर का पैसा निकालर प्रताप एंटरप्राइजेज के बैंक में एकाउंट में भेज देते थे और फिर तत्काल स्थानान्तरण करके कैश निकाल लेते थे। बाद में आस मोहम्मद उर्फ आशु ने अपने पड़ोसी लखन गुप्ता को भी इस काॅलिंग के कार्य में जोड़ लिया था। इसी प्रकार आस महोम्मद उर्फ आशु ने अपने एक अन्य पड़ोसी शिवम गुप्ता को भी इस धंधे में जोड़ लिया था, जो काॅलिंग करने का काम करता था। इसके पश्चात सौरभ ने एक और मर्चेंडाइज साइट इंडिया शॅापी लाइट बनाई। जिसका प्रोपराइटर आस महोम्मद उर्फ आशु था। इसके अलावा शिवम गुप्ता के भी नाम पर मर्चेंडाइज साइट, शिव इंटरप्राइजेज के नाम से बनाई। इस प्रकार उपरोक्त सभी लोग प्रताप इंटरप्राइज, इंडिया शॅापी लाइट एंव शिव इंटरप्राईजेज ई काॅमर्स वेबसाइट से फर्जी काॅलिंग करके करीब एक करोड रूप्ये से अधिक, विभिन्न बैंकों के सैकड़ों क्रेडिट कार्ड धारकों का पैरा धोखाधड़ी करके निकाल चुके है।

सौरभ ने बताया कि मुख्य रूप से विभिन्न बैंकों से क्रेडिट का डेटा गलत तरीके से निकाल पर उनको मोनिका नाम की महिला देती थी। मोनिका पूर्व में एक प्रतिष्ठित काॅलिंग सेंटर पर काम कर चुकी है, जो विभिन्न बैंकों के लिए काॅलिंग सेंटर सुविधा उपलब्ध कराते है। लगभग 6 महीने पहले मोनिका ने इस कंपनी को छोड़कर अपना काम करना प्रारंभी कर दिया। इसके अतिरिक्त गिरफतार अभियुक्त सौरभ भारद्वाज ने पूछताछ पर यह भी बताया कि मोनिका ने उसको यह बताया था कि मोनिका के पास विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड धारकों के लगभग 7 लाख गा्रहकों को डेटा उसके पास उपलब्ध है। जिसको बेचने के लिए वह अन्य लोगों से भी संपर्क कर रही है। अभियुक्त सौरभ ने यह भी बताया कि उसका जो सूर्यनगर फरीदाबाद में मकान है वह मकान उसने इस ठगी के पैसे से ही खरीदा है जिसकी कीमत लगभग 40 लाख रूपये है। शिवम गुप्ता ने पूछताछ पर बताया कि वह पार्टनर के रूप में आस महोम्मद एंव सौरभ भारद्वाज के साथ ठगी करने का काम करता था और उसका काम डेटा लेकर कस्टमर को काॅल का होता था।

उन्होंने बताया कि उनके पास से एक लैपटाप, 14 मोबाइल, लिखित डेटा वाली डायरी, एक स्कार्पियो गाड़ी, एक होंडा सिटी कार, 659 लाख रुपये, 61 पेज जिन पर कई बैंकों के छह हजार क्रेडिट कार्ड कस्टमर का डेटा लिखा है। एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि पकड़े गए सभी शातिर अपराधियों खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है। इनके पकड़े जाने से एक बड़े गैंग का खुलासा हुआ है। साथ ही इनकी जो अन्य साथी हैं उनकी धरपकड़ के भी प्रयास किए जा रहे हैं।
एसएसपी बबलू कुमार ने आगरा की जनता से की अपील की है कि ऐसे ठगी करने वाले कॉल से रहें सावधान, किसी को भी फोन पर अपना ओटीपी नंबर क्रेडिट कार्ड नंबर या फिर आधार कार्ड नंबर ना बताएंए बैंक के नाम से फोन आने पर अपने बैंक से तुरंत कॉल करके संपर्क करें।

Avinash Kumar Singh

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