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छुआ- छूत से नहीं होता कुष्ठ रोग, पीड़ितों के साथ रहने वालों को अब घबराने की नहीं है जरूरत।

भारत एक ऐसा देश है जहां हर तरह के लोग आपको देखने को मिल जाएंगे। यहां लोग एक दूसरे के साथ मिलकर रहते है मगर कुछ लोग ऐसे भी है जो आज भी कई चीजो में भेदभाव करते है। देश में काफी समय से एक बीमारी चली आ रही है जिसका नाम है कुष्ठ रोग या कोढ़।

छुआ- छूत से नहीं होता कुष्ठ रोग, पीड़ितों के साथ रहने वालों को अब घबराने की नहीं है जरूरत।छुआ- छूत से नहीं होता कुष्ठ रोग, पीड़ितों के साथ रहने वालों को अब घबराने की नहीं है जरूरत।

इस बीमारी के तहत लोगो में गलत फेमियां फैली हुई है जो अब तक चल रही है। दरसल, बरसों से कोढ़ या कुष्ठ रोग को लेकर लोगो के मन में यह भ्रम बैठ चुका है कि वह किसी से मिल नहीं सकते या किसी के साथ रह नहीं सकते। इन्ही सभी बातों का आज मिलेगा आपको समाधान।

क्या है कुष्ठ, कोढ़ रोग या फिर लेप्रोसी ?

कुष्ठ रोग एक ऐसी बीमारी है जिसके हो जाने से लोग एक दूसरे के साथ रहना छोड़ देते है। जब किसी व्यक्ति के छीकने या खासने से जो पानी की बूंदे उत्पन होती है उसमे बैक्टेरिया मौजूद होते है जिसे आगे चलकर किसी दूसरे को भी हो सकते है। इस बीमारी में व्यक्ति का शरीर सुन्न पड़ जाता है, वह काम करना बंद कर देता है।

फरीदाबाद के भारत माता कुष्ठ आश्रम के प्रधान रामु जी से हमारी कुछ बातचीत हुई जिसके उन्हीने बताया की शरीर के किसी अंग में सफेद चट्टा आएगा उसके बाद आपको डॉक्टर के पास जाना है, डॉ आपको उस जगह पर सुई लगाएगा जहां यह चट्टा पाया गया है। अगर सुई लगाने के बाद इंसान को दर्द नहीं होता तो वह कुष्ठ बीमारी की चपेट में आ चुका है।

कुष्ठ या कोढ़ रोग के लक्षण

बिके अस्पताल की डेपुटी सिविल सर्जन शीला भगत ने अपने विचार रखते हुए इस बीमारी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, जब इंसान के शरीर में हाइपो पिग्मेंटेड पैचेज आने लगते है, जिनके नंबर एक से लेकर काफी सारे होते है। लेप्रोसी या कोढ़ दो प्रकार की होती है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर में 6 से ज्यादा पैचेज पाए जाते है तो उसे मल्टी बैसिलरी कहते है।

इन पैचेज का रंग इंसान के शरीर के रंग से हल्का होता है। अगर व्यक्ति समय पर इसका इलाज नहीं करवा पता तो इससे शरीर में डिसेबिलिटी हो जाती है जिससे इंसान का शरीर काम करना बंद कर देता है। मल्टी बैसिलरी लेप्रोसी की दवाइयां सरकारी अस्पताल में मुफ्त में लोगो को दी जाती है।

अलग वार्ड में रहने की नहीं है जरूरत

डॉ शीला भगत ने मुताबिक लोगो को ओपीढ़ी बेस पर डायग्नोस किया जाता है। घर बैठे भी अपनी दवाइयां खाकर आप इस बीमारी से जीत सकते है। रेगुलर दवाई खानी भड़ जरूरी होगी।

परमानेंट नहीं होगी कोढ़ की समस्या

रेगुलर दवाइयों का सेवन करने से इंसान कुष्ठ रोग की बीमारी से मुक्ति पा सकता है। डॉ से चैकअप करवाना भी जरूरी है। लेकिन अगर किसी इंसान के शरीर में डिसेबिलिटी आ जाती है तो उसका सर्जरी द्वारा इलाज किया जाता है। सर्जरी द्वारा जो भी अपंगता आती है वह ठीक हो जाती है। साथ ही अपंगता से पीड़ित लोगों को सरकार द्वारा 8000 रुपए भी दिए जाते है।

ऐसी होंगी सुविधाएं

कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों को मुफ्त में दवाएं दी जाती है। साथ ही सपोटिव ड्रग जैसे कि बैंडेज,पैरासिटामोल भी कुष्ठ रोगियों को दी जाती है। इसके साथ अगर उनके पैरों में सूजन आ जाती है तो उसके लिए भी फुटवीयर दी जाती है ताकि मरीज को किसी भी तरह की कोई समस्या न हो।

Written by – Aakriti Tapraniya

Avinash Kumar Singh

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