हरियाणा में नौ गांव के सरपंचों को सस्पेंड करने तथा तीन गावों के सरपंच को टर्मिनेट करने का मामला सामने आया है। चरखी दादरी में जिला उपायुक्त अनियमितताएं पाने के आरोप में नौ सरपंचों को सस्पेंड कर दिया है। वहीं तीन सरपंचों को टर्मिनेट किया है। इन सरपंचों पर माइनिंग कंपनियों की निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है। डीडीपीओ एचपी बंसल ने बताया कि जिले में कई गावों में पहाड़ी क्षेत्र है और यहां पर माइनिंग का काम चलता है। इन गांवों में माइनिंग के काम के लिए कंपनियां टेंडर लेती हैं, इन कंपनियों को रॉयल्टी का दस फीसदी हिस्सा गांव की पंचायत को देना होता है। लेकिन गांवों के सरपंच इन कंपनियों से दस की बजाय 4 से 5 फीसदी रॉयल्टी लेते हैं, जिससे निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाया जा रहा था।
इसके बाद नौ सरपंचों को सस्पेंड किया गया है, जिसमें गांव अटेला कलां के सरपंच कृष्ण कुमार, खेड़ी बत्तर सरपंच रेखा, माई खुर्द सरपंच अनिल कुमार, रामलवास सरपंच सुरेंद्र सिंह, माई कलां सरपंच पवन सिंह, कलियाणा सरपंच नीलम, झोझू कलां सरपंच दलबीर गांधी, डाढी छिल्लर सरपंच रामनिवास और अटेला नया सरपंच नीलम देवी को उपायुक्त राजेश जोगपाल ने सस्पेंड कर दिया है।
वहीं दूसरी तरफ गांव रामनगर के सरपंच राजीव कुमार पर बिजली चोरी करने सहित गांव में नाजायज कब्जा करने के आरोप लगे हुए थे। जिनकी पहले लोकायुक्त में शिकायत लगाई गई थी। इसके बाद एसडीएम ने जांच की तो यह आरोप सिद्ध हो गए।
गांव पिचौपा कलां की सरपंच खजानी देवी और गांव मानकावास के सरपंच मनोज कुमार पर माइनिंग कंपनियों से रॉयलटी कम लेने के आरोप एसडीएम जांच में सिद्ध हो चुके हैं। इसलिए एसडीएम की जांच के आधार पर उपायुक्त ने इन तीनों सरपंचों को टर्मिनेट कर दिया है। इसी के साथ उपायुक्त ने इन तीनों को 6 वर्षों के लिए डी क्वालिफाई कर दिया है। ऐसे में यह तीनों आगामी 6 वर्षों तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
इसके अलावा जिले के गांव डाढी छिल्लर में सरपंच ने सरकारी फंड का दुरूपयोग किया है। सरपंच रामनिवास ने गांव में विकास कार्यों के लिए आया सरकारी फंड से अपनी एक निजी गली का निर्माण करवा दिया था। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने प्रशासन को दी हुई थी। इसके बाद कार्रवाई करते हुए उपायुक्त ने सरपंच रामनिवास को सस्पेंड कर दिया है। वहीं इस मामले में फाइनल कार्रवाई करने के लिए जांच एडीसी को सौंप दी गई है।
डीडीपीओ एचपी बंसल ने बताया कि गांव अचीना के ग्राम सचिव सोनू कुमार को भी सस्पेंड किया गया है। गांव अचीना से बार बार गली में कीचड़ की शिकायत आ रही थी। ऐसे में ग्राम सचिव को कीचड़ निकलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मगर ग्राम सचिव मौके पर गया ही नहीं और उसने प्रशासन को गुमराह करते हुए समाधान करवाने की बात कहीं थी। इसी आरोप में ग्राम सचिव को भी सस्पेंड किया गया है। माइनिंग कार्यों में अनियमितताएं बरतने और माइनिंग कंपनियों को फायदा पहुंचाने पर 9 सरपंचों को सस्पेंड किया गया है।
वहीं बिजली चोरी, नाजायज कब्जे और माइनिंग कार्यों में अनियमितताएं बरतते हुए सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग करने का आरोप सिद्ध होने पर तीन गांव के सरपंचों को टर्मिनेट कर दिया गया है। जिसके साथ ही इन तीनों को अयोग्य घोषित भी कर दिया गया है।
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