कृषि विधेयकों को वापस न लेने, किसानों की अनदेखी को लेकर किसान संगठनों द्वारा आगामी 6 फरवरी को चक्का जाम करने का आह्वाहन किया गया है। यह चक्का जाम दोपहर 12 से 3 बजे तक रहेगा। इसमें देश भर के तमाम किसान संगठन और किसान नेशनल हाईवे को जाम करेंगे ताकि सरकार को चेताया जा सके है कि किसानों को कमजोर ना समझा जाए। किसानों ने इंटरनेट सेवा बंद करने तथा ट्विटर अकाउंट को बंद करने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। सोमवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक का आयोजन किया गया जिसमें तमाम किसान संगठनों ने हिस्सा लिया तथा 6 फरवरी को चक्का जाम करने का निर्णय लिया।
किसान नेताओं ने बताया कि सरकार द्वारा उन्हे काफी परेशान किया जा रहा है। 26 जनवरी के बाद से ही आंदोलन में शामिल युवाओं के साथ मारपीट की जा रही है, इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है, गणतंत्र दिवस पर को वाहन जब्त हुए है उनका भी कोई अता पता नही है।
रास्ते और गलियों को बंद किया जा रहा है, सरकार द्वारा पानी और बिजली की आपूर्ति को भी प्रभावित किया जा रहा है, ट्वीटर अकाउंट को बंद किया जा रहा है, यह सरकार का तानाशाह रवैया नही है तो और क्या है। पीएम मोदी द्वारा दिया गया बयान भी केवल जुमला साबित हो रहा है।
ऐसे में सरकार से बात करने का क्या औचित्य रह जाता है। उन्होंने सरकार पर किसानों के अनदेखी का आरोप लगाया है। संगठनों का कहना है कि सरकार ने इस बार बजट में उनकी अनदेखी की ही। पिछली बार बजट का 5.1 प्रतिशत हिस्सा कृषि का था परंतु इस बार 4 प्रतिशत हिस्सा ही कृषि के लिए है। वही प्रधानमन्त्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए पिछले बार 75 हजार करोड़ रुपए जारी किए गए थे परंतु इस बार बजट में योजना के लिए केवल 65 हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए है।
सरकार किसानों को परेशान करने के लिए कोई कमी नही छोड़ रही है।
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