डिजिटल शब्द आज – कल आप बहुत सुनते होंगे और इसका उपयोग भी करते होंगें। सभी क्षेत्रों में इस शब्द का नाम गूंज रहा है। यह शब्द हर जगह अपनी पहचान बना रहा है। सरकारी काम हो या गैरसरकारी सभी में डिजिटल तरीके उपयोग हो रहे हैं। साथ ही प्रदेश बिजली विभाग की बड़ी लाइनें हर शहर में हैं। मगर इनका रिकार्ड देखना हो तो मैनुअल दस्तावेजों का प्रयोग होता है।
प्रदेश के बहुत से विभाग पहले से ही डिजिटल बन चुके हैं। नगर निगमें भी डिजिटल हो रही हैं। दस्तावेजों में लाइन की जानकारी सीमित मात्रा में ही होती है। ऐसे में कई बार विभाग को यह पता नहीं चल पाता कि कौन सी बिजली की लाइन कहां-कहां से होकर गुजरी है।
मैनुअल से ज़्यादा डिजिटल की तरफ रुख करके समय भी बच रहा है। रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहता है। आज के समय में बिजली विभाग के पास भी जानकारी होनी चाहिए तभी वह अच्छी प्लानिंग कर सकता है। विभाग की इस समस्या को हरियाणा स्पेस एप्लीकेशन सेंटर दूर करने का काम करेगी। हरसेक के विज्ञानी जीआइएसमैपिंग के माध्यम से बिजली की लाइनों को प्रदेशभर में डिजिटली रेखांकित करेंगे।
इस प्रक्रिया पर जल्द काम शुरू हो जाएगा। अधिकारीयों का समय भी बचेगा। डाटा भी सेफ रहेगा। किसी भी प्रदेश में बिजली महकमा एक बड़ा विभाग है और हर व्यक्ति से जुड़ा हुआ है। ऐसे में इस व्यवस्था को बेहतर बनाना सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश स्तर से नीतियां बनती रहती हैं।
हरियाणा सरकार के इस फैसले से कहीं न कहीं आम आदमी को भी राहत मिलेगी। बिजली से संबंधित डाटा आम जनता के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। इसकी सुरक्षा भी अच्छे से होनी चाहिए।
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