कोरोना मरीजों से प्राइवेट अस्पतालों द्वारा कल्पना से अधिक बिल वसूला जा रहा है। इन अस्पतालों द्वारा न केवल कोरोना व सामान्य मरीज बल्कि पेंशनर्स, सरकारी कर्मचारियों तथा आश्रितों के इलाज के भी निर्धारित राशि से अधिक पैसे वसूले जा रहे हैं। निजी अस्पतालों द्वारा ज्यादा पैसे वसूलने की शिकायत स्वास्थ्य विभाग से की गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बिल की अदायगी पर रोक लगा दी है। सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स और आश्रितों को निजी अस्पतालों द्वारा अधिक बिल थमा दिए जाते हैं तथा उसकी प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा मांगी जाती है। प्रदेश सरकार के सामने यह मामला आने पर सरकार ने ऐसे बिलों की अदायगी पर रोक लगा दी है तथा जिन अस्पतालों ने निर्धारित राशि से अधिक पैसे मरीजों से वसूले हैं, उनसे पैसे वापस मांगे हैं।

निर्धारित राशि से अधिक पैसे वसूलने वाले प्राइवेट अस्पतालों के संबंध में स्वास्थ्य महानिदेशक ने लिखित में आदेश जारी किए हैं। बता दें कि प्रदेश में कुल 530 निजी अस्पताल हैं जिनमें उपचार कराने वाले सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स एवम् आश्रितों के लिए 1340 बिमारियों के पैकेज बनाए गए हैं।
पैनल के अस्पतालों में मुफ्त इलाज वाले मरीजों के बिलों की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाती है।इसके साथ ही कोरोना के मरीजों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया गया है और कोरोना मरीजों को पैनल के अस्पतालों में फ़्री इलाज की सुविधा दी गई है।
लेकिन स्वास्थ्य निदेशालय के पास एक बड़ी संख्या में ऐसे मामले पहुंचे हैं जिनमें निजी अस्पतालों द्वारा मांगा गया पैसा निर्धारित राशि से बहुत अधिक है। स्वास्थ्य निदेशक ने इन बिलों की अदायगी पर रोक लगाते हुए निर्धारित मानकों से दोबारा बिल बनाने की मांग की है।
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