इस बात से देश का बच्चा बच्चा अवगत है कि इन दिनों देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण का गुमान हैं। हर व्यक्ति जांच चुका है कि यह मामला कितना ख़तरनाक साबित होता जा रहा है। अभी यह संक्रमण सैकड़ों की जीवन शैली को समाप्त कर चुका है।
जो इस बीमारी जो मात दे चुके है उसमे उन लोगों की जान बचाने में सहायक उनकी इम्यूनिट सिस्टम हैं। वैसे तो यह संक्रमण हर व्यक्ति, हर उम्र, हर जात और हर देश विदेश के लोगों को अपना शिकार बना रहा है लेकिन खासकर स्मोकिंग करनेवालों के लिए यह बाकियों की तुलना में ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।
वशिष्ठ योग आश्रम, अहमदाबाद के योगगुरु धीरज ने पूर्णत जानकारी देते हुए बताया कि सिगरेट पीने वाले कोरोना के आसान शिकार हो सकते हैं। सिगरेट से लंग्स की क्षमता कमजोर होती जिसकी वजह से कोरोना आसानी से अटैक कर सकता है।
योग गुरु की मानें तो सिगरेट, तंबाकू या कोई भी नशीली चीज जो आपके लंग्स पर सीधा असर करती है, उन पर कोरोना का पहला अटैक होता है। यानि, कोरोना का सबसे पहला अटैक लंग्स पर होता है क्योंकि वो सांस के जरिए हमारे शरीर में पहले प्रवेश करता है फिर एक कोशिश कर उसे अपनी गिरफ्त में लेता है और फिर शुरू होता है कोरोना का सारा कुचक्र।
लंग्स के उस आंतरिक हिस्से को कोरोना पहले तहस-नहस करना शुरू करता है, जहां ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को लेकर सारा हिसाब किताब चलता है। धीरे-धीरे ऐसी स्थिति बनती है कि शरीर सही तरीके से हर सेल्स को ऑक्सीजन आपूर्ति नहीं कर पाता और फिर नतीजे बेहत खतरनाक हो सकते हैं।
यही नहीं स्मोकिंग के अलावा किडनी रोगियों के लिए भी खतरे की घंटी है। कोरोना किडनी के कार्य में भी हस्तक्षेप करता है। रक्त को लगातार शुद्ध करने की किडनी की कार्यप्रणाली पर कोरोना अवरोध बन खड़ा हो जाता है। किडनी का कार्य में बाधा से शरीर में अशुद्धि फैलने लगती है जिससे की मौत भी हो सकती है। शराब पीने वाले को भी लीवर व किडनी की समस्या होने की संभावना होती है।
उस पर कोरोना का संक्रमण गंधक में चिंगारी जैसा हो सकता है। सभी बातों का लब्बोलुआव ये है कि किसी भी तरह के नशे से बिल्कुल दूर रहें, खासकर जब कोरोना का कहर चारों तरह पसरा हुआ हो। सिगरेट पीने वाले, सांस रोगी, अस्थमा मरीज, किडनी रोगी, बुजुर्ग व्यक्ति आसान उपाय हो सकते हैं, इसलिए वो पेनिक हुए बिना पूरा ऐहतियात बरतें।
सिखों के लिए सिगरेट पीना वर्जित, जानिए क्यों
आपको पता है यदि नहीं तो आपको यह जानकर अच्छा लगेगा की सिखों में कोई भी व्यक्ति सिगरेट का सेवन नहीं करता क्योंकि कि जब गुरु गोविंद सिंह जी ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की तब सिक्खों को बुरी चीजों से बचाने के लिए कुछ नियम बनाए। इन्हें चार कुरहिते नाम दिया।
चार कुरहिते में एक तंबाकू भी शामिल है। गुरु गोविंद सिंह जी ने साफ साफ सिखों को संदेश दिया कि तंबाकू का सेवन नहीं करें।
इस संबंध में एक बहुत ही सुंदर कथा है। एक बार गुरु गोविंद सिंह अपने शिष्यों के साथ कहीं जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने तंबाकू के पौधे को देखकर अचानक अपने घोड़े को रोक लिया। घोड़े से उतरकर गोविंद सिंह जी ने तंबाकू के पौधे को उखाड़कर फेंक दिया।
जब शिष्यों ने पूछा गुरु जी आपने ऐसा क्यों किया। तब गुरु गोविंद सिंह ने जवाब दिया शराब एक पीढ़ी को बर्बाद करता है लेकिन तमाम पीढ़ियों को भी तबाह कर देता है।
अपनी दूरंदेशी से गोविंद सिंह ने सिखों को तंबाकू से होने वाली बीमारियों से बचाना प्रयास किया
इन पांच आदतों को अपनाकर कोरोना और सिगरेट दोनों से पाए निजात
खुद को अपने इरादों को बनाएं मज़बूत
: यदि आप सिगरेट छोड़ना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले मज़बूत इरादों के साथ आगे बढ़ना होगा। कुछ भी हो जाए आपको आपकी इच्छा के परे जाकर सोचना होगा की स्मोकिंग आपके लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है।
परिवार के लिए उनके साथ के लिए छोड़े सिगरेट
हमेशा अपने साथ अपने परिवार की एक तस्वीर को रखें। जब भी आप स्मोकिंग करें, उस तस्वीर को देखते हुए करें, इससे आपको लगेगा की आप परिवार के सामने स्मोकिंग कर रहे हैं और इस सोच से आपको स्मोकिंग छोड़ने में सहायता मिलेगी।
तैश में आकर नहीं बल्कि खुशहाली के लिए करें फैसला :
सिगरेट छोड़ने का फैसला तैश में आ कर न करें और न ही कोई कसम खाएं। अगर आप ऐसा करते हैं, तो दिमाग उस कसम को या उस फैसले को तोड़ने के लिए कारण ढूँढने लगता है । इसलिए जब भी स्मोकिंग छोड़ने का फैसला लें, सोच समझकर लें।
तनाव का कारण ढूंढकर सिगरेट को करें खुद से दूर
: अक्सर लोग तनाव के कारण सिगरेट पीने लगते हैं। इसलिए अपने तनाव का कारण ढूंढकर उसे दूर करें। तनाव होने पर संगीत, किताबें और कोई गेम जैसी चीजों की सहायता लें। ऐसा करने से आप स्मोकिंग से दूर रह पाएंगें।
ऐश ट्रे ना साफ करने के पहले यह सोचे
जब भी आप सिगरेट पिएँ, ऐश ट्रे साफ़ न करें। ऐसा करने से आपको याद आता रहेगा की आप कितनी सिगरेट पी चुके हैं और आपको इसपर सोचने का मौका मिलेगा।
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…
ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…
एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…
फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA 2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…
बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…