जींद : बड़े बुजुर्गों ने एक कहावत कही थी कि “जिस घर ना जाओ वो घर अच्छा और जिस गांव ना जाओ वो गांव अच्छा ” इस समय कुछ ऐसा ही हरियाणा ही नही बल्कि पूरे देश मे दौर चल रहा है कि जहाँ देखो वही लोग दुखी और असहाय दिख रहे है । जिसके बारे में भी सुनो या तो वो खुद बीमार है या किसी अपने की बीमारी से परेशान है हालांकि वजह एक ही है माहमारी ।
लेकिन हरियाणा का एक ऐसा गांव है जंहा हर कोई बुखार ,खासी ,जुकाम से पीड़ित है लेकिन वायरस से संक्रमित नही है दरअसल जींद के एक गांव रधाना में इस समय वायरल बुखार ने लोगो को अपनीं चपेट में कर रखा है . बुख़ार भी ऐसा की 3 या 4 दिन तक इंसान के शरीर मे रहता है उसके बाद उसकी थकान नही जाती है।
आपको बता दें कि 5000 की आबादी के इस गांव में अभी तक ना कोई मरीज संक्रमित हैं ना ही डेंगू और मलेरिया से ग्रसित हैं लेकिन वायरल फीवर ने पूरे गांव में भय का माहौल पैदा कर दिया है . सभी ग्रामीण ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि वह सर्वे कराकर इस गांव में दवाई उपलब्ध कराएं .
लगभग 1 सप्ताह से लोग वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं आलम यह हो गया है कि घर का एक सदस्य ठीक होता है तो उसी समय दूसरे को यह बुखार की चपेट में ले लेता है इस गांव में कई घर तो ऐसे हैं जहां एक ही परिवार के तीन तीन लोग इसकी चपेट में है।
वहीं ग्रामीण सुनील चहल ,रणधीर सिंह ,उमेद, संदीप, इन सभी का कहना है कि तीन-चार दिन बुखार उनके शरीर में रहता है और उसके बाद उनको थकान रहती है वही वायरल बुखार के बाद महामारी की चपेट में ना जाए ऐसा डर इन सभी ग्रामीणों को सता रहा है।
इसलिए सभी ग्रामीणों ने नागरिक अस्पताल इलाज के लिए आने से घबरा रहे हैं इन सब को डर सता रहा है कि कई लोग नॉर्मल खांसी जुखाम के लिए नागरिक अस्पताल में दवा लेने आए थे लेकिन यहां से वह संक्रमित हो कर चले गए ।इसी का डर ग्रामीणों को अब है।
हालांकि अभी तक भी इस गांव में एक भी एक्टिव केस नहीं है लेकिन फिर भी यहां के जो लोग हैं वह डरे हुए हैं वही गांव राधाना के सरपंच नरेश चहल में स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि सर्वे कराया जाए गांव में वायरल बुखार की दवा उपलब्ध कराई जाए ।
उसके अलावा कुछ दिनों तक गांव में ही सैंपल की सुविधा दी जाए .नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉक्टर राजेश भोला ने कहा कि मौसम में परिवर्तन है इस वजह से यह दिक्कत आ रही है लोगों को सावधानी बरतनी है
स्वास्थ्य विभाग का पूरा स्टाफ महामारी से निपटने में लगा हुआ है आशा वर्कर्स दूसरे स्टाफ को इस बारे में बोल दिया जाएगा वैसे रधाना सीएचसी खरकरामजी में अधीन आता है अगर किसी को संक्रमित होने के लक्षण नजर आते हैं तो वह यहां पर आकर अपने सैंपल दे सकता है
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