Categories: Health

संक्रमण ने दिखाए तेवर तो संसाधनों में आई गिरावट, फरीदाबाद-गुरुग्राम में इलाज के लिए तरसते मरीज

अचानक एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे संक्रमण में इस बार अपना असर इतना प्रभावित रूप से दिखाया है कि अस्पतालों में इलाज के लिए लोग दर-दर भटक रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी में मरते हुए मरीज समाज को आइना दिखा रहे हैं कि उनकी मौत का कसूरवार संसाधनों की कमी और लापरवाही की बढ़ती सीमा है।

वहीं अगर हरियाणा के अंतर्गत आने वाले गुड़गांव फरीदाबाद जिले की बात करें तो यहां हालत बद से बदतर हो चुके हैं। मरीज अस्पतालों में ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। परिजनों का हंगामा सर चढ़कर बोलने लगा है। वहीं अगर एंबुलेंस संचालकों की बात करें तो मनमानी वसूली आमजन का जंजाल बनती जा रही है।

संक्रमण ने दिखाए तेवर तो संसाधनों में आई गिरावट, फरीदाबाद-गुरुग्राम में इलाज के लिए तरसते मरीज

कालाबाजरी ने जिंदा लाश की भारी कीमत लगानी शुरू कर दी है। कालाबाजारी भी बढ़ गई है। एंबुलेंस संचालक दिल्ली से यमुनानगर तक के 50 हजार रुपए तक वसूल हैं। उनपर कोई कार्रवाई नहीं हाे रही। जबकि रेट पहले से तय हैं।

वहीं संसाधनों में कमी के चलते अब संक्रमण रोकने के लिए सबसे जरूरी टेस्टिंग क्षमता के अनुसार नहीं हो पा रही है। वही जिनके सैंपल भी लिए गए हैं उनके सैंपल की रिपोर्ट भी देरी से मिल रही है। इसको लेकर मुख्य सचिव विजय वर्धन ने सभी डीसी को मॉनिटरिंग करने के आदेश दिए हैं। डीसी सुनिश्चित करेंगे कि आरटीपीसीआर टेस्टिंग की रिपोर्ट समय पर मिले।

निजी अस्पतालों से लेकर लैब और कंटेनमेंट जोन पर नजर रखें। सरकारी व गैर-सरकारी अस्पतालों में आईसीयू एवं ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता पर निगरानी रखेंगे।

रविवार को मुख्य सचिव ने राज्यस्तरीय क्राइसिस को-ऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी डीसी को ये निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों की निगरानी के लिए एक-एक नोडल अधिकारी तैनात होंगे।

प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए प्रशासनिक कमेटी रोज मानिटरिंग करेंगे। सीएस ने सभी डीसी से रेमिडेसिवर टीके की खपत व उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी है। इस समय राज्य में 46हजार मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

रविवार दोपहर 2 बजे दिल्ली में सरकारी अस्पताल से रोहतक पीजीआईएमएस के ट्रामा सेंटर में पहुंचे मरीज के परिजनों ने बताया कि यहां बेड नहीं मिल रहा है। मरीज गंभीर हैं, प्रयास कर रहे हैं कि बेड की व्यवस्था हो जाए। गार्डों की ओर से उनकी एंबुलेंस को ट्रामा सेंटर के गेट से साइड करवा दिया गया। इंतजार के बाद मरीज को सिविल अस्पताल में शाम 4 बजे भर्ती करवाया गया। इसके बाद इलाज शुरू किया गया।

Avinash Kumar Singh

Recent Posts

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है: कशीना

भगवान आस्था है, मां पूजा है, मां वंदनीय हैं, मां आत्मीय है, इसका संबंध सिद्ध…

6 days ago

भाजपा के जुमले इस चुनाव में नहीं चल रहे हैं: NIT विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा

एनआईटी विधानसभा-86 के विधायक नीरज शर्मा ने बताया कि फरीदाबाद लोकसभा सीट से पूर्व मंत्री…

2 weeks ago

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी कर…

2 months ago

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 14)…

2 months ago

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के उपलक्ष्य में…

3 months ago