एक तरफ तो संक्रमण का कहर दिन प्रतिदिन सूर्य की तपिश की तरह बढ़ता ही जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ जहां सरकार ने लोगों को जागरूक करने की मुहिम चलाई हुई है तो वहीं दूसरी तरफ लोग संक्रमण के लक्षण दिखते ही अपना कोविद-19 का टेस्ट करा रहे हैं।
मगर आश्चर्य की बात तो यह है कि जब अपनी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट मांगने के लिए अस्पताल जाया जाता है तो उन्हें संतोषजनक जवाब देकर लौटा दिया जाता है इतना ही नहीं उनके साथ अभ्रद्रता भी की जाती हैं।
यह पूरा मामला है रेवाड़ी के अंतर्गत आने वाले पीएचसी का। जहां सरकारी कर्मियों की लापरवाही इतना हद पार कर गई है कि वह आमजन से अभ्रदता करने से भी नही कतरा रहें हैं।
दरअसल, यहां पर एक युवक ने कोरोना टेस्ट कराया और पांच दिन बाद भी उसकी रिपोर्ट नहीं मिलने पर जब विषय पर अस्पताल में वार्तलाप की गई, तो स्टॉफ ने उनके साथ अभ्रदता की।
वहीं स्थानीय निवासी बीर सिंह ने उपायुक्त को एक शिकायत देकर बताया कि पांच दिन पहले उनके बेटे-बहू की तबीयत खराब होने पर दोनों ने राजीव नगर के पीएचसी में सैंपल दिया था। दो दिन में रिपोर्ट आने की बात कही लेकिन पांच दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं मिली।
इस पर पीएचसी में जब स्टॉफ से इस बारे में बात की तो संतोषजनक जवाब देने के बजाए उनके साथ अभ्रदता की गई। रिपोर्ट नहीं आने से बीर सिंह के बेटे-बहू पांच दिन से घर पर आइसोलेशन में हैं। इस प्रकार की लापरवाही व स्टॉफ का रवैया कतई भी ठीक नहीं है। अब देखना होगा उपायुक्त इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।
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