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होमआइसोलेशन में रहकर संक्रमण को पॉजिटिव सोच के साथ हराने वाले दंपत्ति ने कहीं बड़ी बात

इन दिनों संक्रमण और संक्रमित मरीजों का बोलबाला इस कदर बढ़ गया है कि अस्पतालों में मरीज को भर्ती करने के लिए स्थान पाना भी असंभव सा होता दिखाई देता हैं। यही कारण है कि कम लक्षण दिखाई देने वाले व अस्पताल में जगह ना होने के कारण अनेकों मरीजों को होम आइसोलेट कर दिया जाता है।

ऐसे में कई लोगों के मन में यह ख्याल आने लगता है कि घर पर उनके देखभाल करने के लिए डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध नहीं होगा तो उनका इलाज ढंग से नहीं हो पाएगा। ऐसे में उनके साथ कोई भी अनहोनी हो सकती है मगर ऐसा सोचना और ऐसे विचार मन में रखना बिल्कुल सही नहीं है, क्योंकि नेगेटिव विचार को छोड़कर पॉजिटिव विचार मन में रखकर ही हम किसी भी बड़ी से बड़ी बीमारी को मात दे सकते हैं।

होमआइसोलेशन में रहकर संक्रमण को पॉजिटिव सोच के साथ हराने वाले दंपत्ति ने कहीं बड़ी बातहोमआइसोलेशन में रहकर संक्रमण को पॉजिटिव सोच के साथ हराने वाले दंपत्ति ने कहीं बड़ी बात

ऐसा हम नहीं बल्कि संक्रमण को हराकर बाहर निकले ग्रेटर फरीदाबाद के निवासी दंपति संदीप और चित्रा का कहना है। दरअसल, दोनों ने इसी सोच के साथ खुद को होम आइसोलेशन में रखा और कोरोना को हराने में सफल रहे हैं। उन्होंने होम आइसोलेट के दौरान अपने अनुभवों को साझा करते हुए सेक्टर 87 एसआरएस रॉयल हिल्स निवासी संदीप कुमार और पत्नी चित्रा नेबताया कि होली के अवसर पर वह दोनो बाहर रिश्तेदारी में गए थे।

वही ऐसा हुआ होगा की दोनो आते-जाते संक्रमण की चपेट में आ गए। 8 अप्रैल को टेस्ट कराया तो दोनों पाॅजिटिव निकले। गनीमत रही कि दोनों बेटे बचे रहे। दोनों ने खुद को होम आइसोलेट कर दवा लेनी शुरू कर दी। टेलिवजन आदि देखना बंद कर दिया। धार्मिक व प्रेरणादायी किताबें पढ़ना शुरू कर दिया। दिमाग में नकारात्मकता आने नहीं दी। 14 दिन होम आइसोेलेशन की अवधि पूरी कर स्वस्थ्य होकर बाहर आ गए।

वहीं एसआरएस सोसाइटी में ही रहने वाले सर्विस सेक्टर में कार्यरत मृत्युंजय कुमार और उनका 14 साल का बेटा आरुष दस अप्रैल को कोरोना की चपेट में आ गए। ऑनलाइन डाॅक्टर से संपर्क किया और दवा लेने के साथ-साथ दोनों होम क्वारैंटाइन हो गए। नियमित रूप से दवा के साथ साथ मेडिटेशन और योगा करते रहे और संक्रमण को हराकर आसानी से बाहर आ गए।

उनका कहना है कि दवा के साथ व्यक्ति को नियमित रूप से भाप, गरारा, मेडिटेशन और योगा करते रहना चाहिए। योगा और मेडिटेशन नकारात्मक सोच पैदा नहीं होने देती। इन सबसे कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है। मतलब यदि अगर मन में सकारात्मक विचार होंगे तो इसी शक्ति के साथ चाहे कितनी बड़ी बीमारी क्यों ना हो उसे अपने मजबूत इरादों और विचारों से हराया जा सकता है।

Avinash Kumar Singh

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