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200 साल पुराने 3 लव लेटर की हुई नीलामी, कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश, लेटर में लिखा था कि…

आज के समय में संचार के कई आधुनिक साधन उपलब्ध है जिनकी सहायता से ही एक से दूसरे व्यक्ति तक कोई भी संदेश भेजना हो तो उसमे केवल कुछ ही सेकंड लगती है। यही ही नहीं बल्कि वीडियो कॉल के जरिए आप दुनिया के किसी भी कोने में मौजूद व्यक्ति से फेस टू फेस बाते कर सकते है।

लेकिन पुराने समय में संचार की इतनी सुविधा न होने के कारण लोग एक दूसरे से बात करने के लिए अपने संदेश उन तक पहुंचाने के लिए पत्र लिखा करते थे जो कई दिनों में उन तक पहुंचते थे। वर्तमान में पत्र लिखने की यह परम्परा बिल्कुल समाप्त हो चुकी है लेकिन अब भी इतिहास में लिखे गए कुछ पत्र ऐसे है जिनकी कीमत सुनकर कोई भी चौंक सकता है।

200 साल पुराने 3 लव लेटर की हुई नीलामी, कीमत सुनकर उड़ जाएंगे होश, लेटर में लिखा था कि…

विश्व इतिहास के सबसे महान सेनापतियों में शामिल रहे फ्रांस के शासक नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा 1796 से 1804 के बीच लिखे गए पत्र से जुड़ा एक किस्सा सामने आया है, नेपोलियन बोनापार्ट द्वारा अपनी पत्नी जोसेफाइन को लिखे तीन प्रेम पत्र कुल 575,000 डॉलर यानी कि करीब 3.97 करोड़ रुपए में नीलाम किए गए हैं।

नेपोलियन ने पत्र में क्या लिखा था :-

साल 1796 में इटली अभियान के समय में नेपोलियन बोनापार्ट ने अपने द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा की , ‘मेरी प्यारी दोस्त, तुम्हारी ओर से कोई पत्र नहीं मिला। जरूर कुछ खास चल रहा है, इसलिए आप अपने पति को भूल गई हैं। काम और बेहद थकावट के बीच में केवल और केवल आपकी याद आती है।’

फ्रेंच एडर इसी एगुट्स हाउसों की तरफ से ऐतिहासिक थीम पर आधारित नीलामी में एक दुर्लभ इनिग्मा एन्क्रिप्शन मशीन को भी शामिल किया गया था। इसका प्रयोग जर्मनी ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान किया था। इसकी नीलामी 48100 यूरो यानी कि करीब साढ़े 37 लाख रुपए में हुई है। पिछले साल हुई 14 नीलामियों में 26.4 मिलियन यूरो मतलब कि करीब 205 करोड़ रुपए की नीलामी हुई थी।

कौन था नेपोलियन बिना पार्ट :-

15 अगस्त 1769 में जन्मे नेपोलियन बोना पार्ट को फ्रांसीसी क्रांति 1789 का बेटा कहा जाता है। इस क्रांति के बाद नेपोलियन ने ही फ्रांस मा नेतृत्व किया था। नेपोलियन 19वीं सदी की शुरुआत में करीब पूरे यूरोप पर अधिकार कर लिया था। वर्ष 1804 से 1815 तक वह फ्रांस का शासक रहा। ब्रिटेन के नेल्सन से ट्रैफलगर के युद्ध में हार के बाद नेपोलियन को निर्वासित कर कोर्सिका द्वीप भेज दिया गया। जहां 1821 में उसकी मौत हो गई।

Avinash Kumar Singh

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