अभी महामारी से राहत भी नहीं मिली कि एक और बीमारी ब्लैक फंसग ने जीना हराम कर दिया। प्रदेश में ब्लैक फंगस लगातार अपने पांव पसार रही है और राज्यभर से इसके मामले सामने आ रहे हैं। अंबाला में ब्लैक फंगस से ग्रस्त दो मरीजों की आंखें निकालनी पड़ीं। इसके अलावा सिरसा में इसके दो मरीजों की मौत हो गई है।
ब्लैक फंगस जानलेवा बीमारी है। राजस्थान सरकार ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। हिसार के अग्रोहा मेडिकल कालेज में अब तक ब्लैक फंगस के 19 मरीज आए हैं। इससे झज्जर में ब्लैक फंगस से एक मरीज की मौत हो गई है।
प्रदेश में ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता और बढ़ा दी है। हरियाणा सरकार ने भी ब्लैक फंसग की गंभीरता को देखते हुए। इसे नोटिफाइड डिजीज (अधिसूचित रोग) घोषित कर दिया गया है। अंबाला के मुलाना मेडिकल कालेज एवं अस्पताल में दाखिल दो मरीजों की आंख में इन्फेक्शन इस कदर फैल गया कि उनकी आंखों काे निकालना पड़ा।
ब्लैक फंसग जानलेना बीमारी है। देश के दूसरे राज्यों की तरह ही महामारी के बीच हरियाणा में ब्लैक फंगस का जाल फैलने लगा है। इन मामलों में स्थिति ऐसी थी कि आंख से यह इन्फेक्शन ब्रेन में जाने का खतरा पैदा हो गया था, जिसके चलते डाक्टरों ने यह कदम उठाया। इनमें एक महिला मरीज 54 वर्षीय परविंदर कौर मुलाना की रहने वाली है और वह डायबिटीज की मरीज हैं।
इस समय प्रदेश समेत देश महामारी के संकट से जूझ रहा है कि इस बीच ब्लैक फंगस का एक और खतरा लोगों को डराने लगा है। शुगर के मरीज़ों को ब्लैक फंगस अपनी चपेट में जल्दी लेता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च व अन्य हेल्थ विशेषज्ञ यह कह चुके हैं, जो शुगर के मरीज हैं, उन पर ब्लैक फंगस का खतरा सबसे अधिक है।
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