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गांव में वायरस का कहर, ग्रामीण वासियों ने मनमानी करने की ठानी, लॉकडाउन का करेंगे बहिष्कार

वैश्विक स्तर पर पैर पसार चुकी महामारी के चलते जहां देश भर में कोविड-19 की जांच प्रक्रिया को तेजी से बढ़ाया जा रहा है, और वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज करने के लिए जागरूक अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

ऐसे में अब मसूदपुर गांव के ग्रामीणों ने एक अजीबोगरीब फैसला लेकर सरकार की परेशानियों को बढ़ा दिया है। दरअसल, ग्रामीण वासियों का कहना है कि अब वह अपने गांव में ना तो डॉक्टर और न ही पुलिस वालों को प्रवेश करने देंगे। ऊपर से उन्होंने लॉक डाउन का बहिष्कार करने का भी कर दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने गांव से आइसोलेशन वार्ड को भी हटा दिया है।

गांव में वायरस का कहर, ग्रामीण वासियों ने मनमानी करने की ठानी, लॉकडाउन का करेंगे बहिष्कार

दरअसल इस गांव में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और ऐसे में सरल लॉक डाउन का बहिष्कार करने का मामला सामने आते ही पुलिस प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए हैं। इस बार इसका क्या कारण है कि हिसार में किसानों पर हुए लाठीचार्ज से ग्रामीण वासियों में काफी रोष पनप रहा है

यहां पर ज्यादातर आबादी किसान आंदोलन के समर्थन में है यही कारण है कि किसानों के साथ हुई ज्यादती के चलते अब ग्रामीण वासियों ने इस तरह का फैसला अमल बनाने का मन बनाया है।

इसी कड़ी में मंगलवार सुबह गांव में बड़ी पंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें सभी समुदायों से लोगों को बुलाया गया और पंचायत में चर्चा करने के बाद निर्णय लिया गया कि सरकार द्वारा लागू लाॅकडाउन का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया जाएगा। इतना ही नहीं संक्रमण को लेकर निर्णय लिया गया कि आगामी 15 दिनों तक गांव में किसी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा और न ही कोई ग्रामीण गांव से बाहर जाएगा।

इसके अलावा दुकानों को पूरा समय खुला रखा जाएगा और शोक सभा व शादी के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकेगा। गांव में हुई इस घटना की सूचना जैसे ही प्रशासन को लगी तो अधिकारियों ने ग्राम पंचायत से संपर्क किया. पंचायत ने अपना फैसले वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है.

गौरतलब, एक माह के अंदर गांव में करीब 25 लोगों की अलग-अलग बिमारियों से मौत हो चुकी हैं. इसके बावजूद ग्रामीणों का ऐसे रवैया हैरान करने वाला है. गांव के कुछ जागरूक युवाओं ने इस फैसले पर आपत्ति भी जताई है. कुछ युवाओं ने कहा कि ऐसे कदम से गांव की स्थिति बिगड़ सकती है।

Avinash Kumar Singh

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