जहां लोग एक ओर महामारी से निकल नहीं पा रहे हैं।जहां इस महामारी के चलते लाखों लोगों ने अपनी जान गवा दी है। अब लोग इस महामारी से बहुत ही ज्यादा डरने लगे हैं। क्योंकि जो लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं।
उनको अब यह डर है कि कहीं वह इस बीमारी की चपेट में तो ना आ जाएंगे। हम बात कर रहे हैं ब्लैक फंगल की। जो महामारी से भी ज्यादा भयानक रूप लेकर जिले में पैर पसारती हुई नजर आ रही है।
बी के अस्पताल के डॉक्टर विनय गुप्ता ने बताया कि ब्लैक फंगल हमारी दुनिया में दस्तक दे चुका है।फरीदाबाद में ब्लैक फंगस के भी कुछ मरीज पाए गए हैं। जिसे एक नई महामारी एक नई परेशानी का लोगों को सामना करना पड़ रहा है। यह महामारी उन लोगों को ज्यादा चपेट में ले रही है। जो अभी महामारी से ठीक हुए हैं। क्योंकि उनकी इम्युनिटी पावर अभी भी कम है। ब्लैक फंगल जैसी बीमारी उन मरीज को अपनी चपेट में ले लेती है।
डॉक्टर विनय ने बताया कि ब्लैक फंगस कोई नई बीमारी नहीं है। यह वायरस कई सालों से हमारे वातावरण में मौजूद था। पर पिछली महामारी के कारण हमारी लोगों की इम्युनिटी डाउन हो गई है। उसके चलते यह वायरस लोगों के शरीर को जल्दी पकड़ रहा है।
जो लोग महामारी से ठीक हो रहे हैं उनका इम्यूनिटी लेवल कम होने के कारण ब्लैक फंगस उनको अपनी चपेट में ले रहा है। यह केवल उन महामारी से ग्रस्त मरीजों के लिए ही नहीं पर जिनको डायबिटीज की प्रॉब्लम है या जिनकी शुगर लेवल बड़ा रहता है। उनको भी ब्लैक फंगस अपनी चपेट में ले रहा है।
यह वायरस सिर्फ आंखों पर ही नहीं प्रभाव करता।बल्कि यह नाक से, साइनस, आंखों पर भी प्रभाव डालता है और जब लोग की स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर हो जाती है। तब उनकी आंखों को भी निकालना पड़ता है।
ब्लैक फंगल छूने की बीमारी नहीं है। ब्लैक फंगस उन्हीं लोगों को अपनी चपेट में लेती है जिन लोगों की इम्युनिटी बहुत ही लो है। इसलिए डॉक्टर से सलाह देते हैं कि जैसे अगर आपको लगे कि आप इसकी चपेट में आ रहे हैं। तुरंत जाकर अपना इलाज करें इसको छोटी बीमारी ना समझे।
यह बीमारी बहुत बड़ी और घातक साबित हो सकती है। फरीदाबाद के कुछ अस्पतालों में इसका इलाज किया जा रहा है। मरीज को समय-समय पर दवाइयां, नेत्र रोग ,नाक कान, गला रोग इन सब की दवाइयां समय पर दी जा रही हैं।
दिन में प्रतिदिन 4 से 5 इंजेक्शन भी मरीज को लगाए जा रहे हैं। जहां लोगों को लग रहा है कि जैसे जैसे हम इस महामारी से दूर होते जा रहे हैं और अब उनके दिमाग में यह परेशानी आ गई है, कि यह वायरस भी कहीं हमें चपेट में ना ले ले।
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार जिले में अभी 50 मरीज ब्लैक फंगल की चपेट में आ चुके हैं। जिसमें से 16 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। वहीं 8 मरीज अभी सस्पेक्टेड है और दो मरीज की रिपोर्ट आनी बाकी है।
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