जब भी पुलिस की बात सुनने में आती है तो लोगों को अंदाजा लगता है या तो पुलिस ने पैसे मांगे हैं या किसी के पैसे ले लिए हैं। लेकिन सभी पुलिसकर्मी एक जैसे नहीं होते हैं। कहा जाता है कि मछली पूरे तालाब को गंदा करती है।
लेकिन सारी मछली एक जैसी नहीं होती है। अगर हम फरीदाबाद पुलिस की बात करें तो फरीदाबाद पुलिस की जो छवि है। उसमें सभी पुलिसकर्मी एक जैसे नहीं होते हैं। फरीदाबाद पुलिस में कुछ ऐसे पुलिस कर्मचारी भी मौजूद है।
जो लोगों के सुरक्षा, सहायता और उनकी मदद के लिए हमेशा आगे खड़े रहते हैं। इसके अलावा अगर किसी अनजान व्यक्ति का सामान या पैसे कहीं सड़क पर गिर जाते हैं। तो उसको लौटाने की जिम्मेवारी भी वही पुलिसकर्मी अपने कंधों पर लेते हैं।
ऐसा ही एक किस्सा 28 मई को अजरौंदा चौक पर देखने को मिला। हर रोज की तरह चौक पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी एसआई जय भगवान और हवलदार रविंदर अपनी टीम के साथ ड्यूटी पर तैनात थे।
तभी ओल्ड फरीदाबाद की ओर से नीलम की ओर जाने वाली रेड लाइट पर एक ऑटो चालक और उसमें बैठी एक सवारी के द्वारा रेड लाइट को जम्प करके नीलम पुल की और बहुत तेजी से चलाते हुए निकल गया। जैसे ही उसने ऑटो को हल्का सा मोड़ा।
तभी ऑटो से 2000 व 500 के नोट हवा में उड़ने लगे। इसे देखते ही एसआई जय भगवान और हवलदार रविंदर ट्रैफिक की परवाह करें बिना ही सड़क पर कूद पड़े और रुपयों को पकड़ने लगे या फिर यह उन रुपयों को इकट्ठा करने लगे।
यह देखकर वहां मौजूद अन्य टीम कर्मचारी भी उनका साथ देने लगे। एसआई भगवान ने बताया कि सभी पैसों को इकट्ठा करने के बाद जब है उन पैसों गिन रहे थे। तभी एक महिला आई और उसने कहा है की 500 का एक नोट वहां गिरा हुआ था। जो कि मुझे मिल गया है आप ले लो।
पुलिसकर्मी के साथ-साथ उस महिला ने भी इमानदारी का इतना अच्छा सबूत दिया कि वह 500 का नोट पुलिसकर्मी को लौटा कर चली गई। जब पुलिस कर्मियों के द्वारा पैसों को गिना गया तो ₹33000 थे। इसकी सूचना उन्होंने तुरंत अपने उच्च अधिकारियों को दी और उच्च अधिकारियों ने कहा कि इसकी शिकायत संबंधित थाना या सेक्टर 15a की चौकी में दर्ज करवाएं।
एस आई जय भगवान और हवलदार रविंदर के द्वारा सेक्टर 15 ए की चौकी में शिकायत दर्ज करवाई। पैसे भी उनके वहां जमा करवा दिए गए हैं। करीब 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उन पैसों का मालिकाना हक लेने के लिए कोई भी व्यक्ति पूरे जिले के किसी भी थाने में नहीं आया है।
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज से ऑटो का नंबर तो आ जाएगा। लेकिन पीछे बैठी सवारी के बारे में नहीं पता चल सकेगा। पैसे ऑटो चालक के थे की सवारी की थी यह भी उनको नहीं पता है।
क्योंकि ऑटो की जो रफ्तार थी वह बहुत तेज थी और वह किसी प्रकार की कोई भी व्यक्ति की पहचान नहीं कर पाए हैं। इसीलिए अगर कोई व्यक्ति इन पैसों पर मालिकाना हक लेने के लिए आता है। तो पहले उसकी पूरी तरह से पुष्टि की जाएगी और उसी के बाद उसको पैसे दिए जाएंगे।
ओम योग संस्थान ट्रस्ट, ओ३म् शिक्षा संस्कार सीनियर सेकेण्डरी स्कूल पाली , फ़रीदाबाद, हरियाणा, भारत…
ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, फरीदाबाद में आयोजित वार्षिक तकनीकी-सांस्कृतिक-खेल उत्सव, एचिस्टा 2K24 का दूसरा दिन…
एचिस्टा 2K24 का भव्य समापन ऐशलॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में हुआ, जो तीन दिनों की…
फरीदाबाद के ऐशलॉन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में तीन दिवसीय "ECHIESTA 2K24" का आज उद्घाटन हुआ।…
बल्लबगढ़ स्थित सेक्टर-66 आईएमटी फरीदाबाद में लगभग 80 एकड़ में होने वाली पांच दिवसीय शिव…
विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु दृढ़ संकल्प को मन,वचन व कर्म से निभाते हुए विभिन्न…