गर्मियों की आहट सुनते ही नगर निगम हर वर्ष शहर में पेयजल आपूर्ति को लेकर तैयारियां शुरू कर देता है परंतु इस वर्ष वैश्विक महामारी के कारण नगर निगम तैयार नहीं कर पाया जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
खराब ट्यूबवेलों और पानी की किल्लत से संवेदनशील क्षेत्रों को चिह्नित करके वहां पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था को प्राथमिकता पर सुचारू किया जाएगा। ऐसे क्षेत्रों में टैंकरों से पानी आपूर्ति भी कराई जाएगी।
नगर निगम आयुक्त डॉ. गरिमा मित्तल ने इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारियों को पेयजल संकट से निपटने के लिए ऐसे जरुरी कार्यों को तुरंत करवाने के निर्देश दिए हैं। सभी खराब मोटर और बूस्टरों व लाइनों की लीकेज को अगले एक सप्ताह में करने के निर्देश दिए हैं।
गर्मी के मौसम में ट्यूबवेल खराब होने से अधिकांश इलाकों में पेयजल किल्लत है। विशेषकर शहर के पश्चिम क्षेत्र में हालात नाजुक हैं। इलाके कुछ लोगों ने बताया कि यहां कई बार कोरोना काल में भी पानी का बंदोबस्त करने के लिए इधर-उधर धक्के खाने पड़ते हैं।
लोग टैंकरों के इंतजाम में लगे रहते हैं, तब जाकर हीं खाना बनाने से लेकर, कपड़े धौने-नहाने जैसे काम होते हैं। कुछ इलाकों में तो लोग प्रतिदिन पानी टैंकरों से खरीददकर जरूरतें पूरी करते हैं।
मंगलवार को बड़खल विधानसभा के पार्षदों ने नगर निगम आयुक्त डॉ. गरिमा मित्तल के साथ बैठक की। बैठक में पेयजल संकट के समाधान की गुहार लगाई। नगर निगम आयुक्त ने पेयजल और सीवर समस्याओ को प्राथमिकता पर समाधान के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। जहां पानी की कमी है और भूजल स्तर अभी कुछ ठीक बना हुआ है। वहां जरुरत के मुताबिक ट्यूबवेल या फिर रेनीवेल का पानी की व्यवस्था की जाएगी। कुछ वार्डों में ट्यूबवेल लगाने का काम अभी तक भी लंबित हैं, उन्हें पूरा किया जाएगा। ताकि लोगों को पानी मिल सके।
बड़खल क्षेत्र में एसजीएम नगर बड़ी कॉलोनी है और यहां पानी की किल्लत बनी रहती है। बड़खल क्षेत्र के एसजीएम नगर में करीब 40 टयूबवेल सूख चुके हैं। एसजीएम नगर बड़ी कॉलोनी है। इससे लगे हुए छोटे-छोटे स्लम भी आते है। इनमें पानी की हमेशा किल्लत रहती है। इस बैठक में महापौर सुमन बाला, वरिष्ठ उपमहापौर देवेंद्र चौधरी, उपमहापौर मनमोहन गर्ग और क्षेत्र के पार्षद मौजूद रहे।
नगर निगम आयुक्त ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जल्द ही वे अपने वार्ड में एक करोड़ रुपये के विकास कार्य करवा सकेंगे। इसमें पेयजल जैसी समस्या को प्राथमिकता के तौर पर दूर किया जा सकेगा।
पार्षदों ने कहा कि यह आश्वासन बीते तीन साल से दिया जा रहा है, लेकिन पार्षदों को अभी तक ऐसा कोई अधिकार नहीं दिया गया है। पार्षद राकेश भड़ाना ने विकास कार्यों में अनियमिताएं बरते जाने के आरोप लगाए।
नगर निगम के मुख्य अभियंता रामजीलाला ने बताया कि सभी ट्यूबवेलों और बूस्टरों को एक सप्ताह में दुरुस्त करा लिया जाएगा। अधिक किल्लत वाले क्षेत्रों मे टैंकरों से पानी पहुंचाया जाएगा। बड़खल क्षेत्र के पार्षदों के विकास कार्यो की सूची लेकर जल्द प्रक्रिया शुरू होगी।
स्मार्ट सिटी फरीदाबाद में पानी की मांग और आपूर्ति पर एक नजर
फरीदाबाद की आबादी: 20 लाख
पेयजल की मांग: करीब 360 एमएलडी प्रतिदिन
पेयजल की उपलब्धता: करीब 300 एमएलडी प्रतिदिन
रेनीवेल से आपूर्ति: करीब 110 एमएलड़ी
टयूबवेल से आपूर्ति: करीब 190 एमएलडी
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