शिक्षा नियमावली 2003 के नियमों के तहत सीबीएसई व हरियाणा बोर्ड के प्रत्येक प्राइवेट स्कूल को 31 दिसंबर तक बैलेंस शीट के साथ फार्म 6 ऑनलाइन शिक्षा निदेशक पंचकूला व हार्ड कॉपी जिला शिक्षा अधिकारी के पास जमा करानी होती है। हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने आरटीआई लगाकर पता लगाया है कि 31 दिसंबर 20 तक फरीदाबाद जिले के दोनों बोर्ड के 500 स्कूलों में से सिर्फ 34 ने ही फार्म 6 जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा कराया है उसमें से भी एमवीएन 17,88 व अरावली हिल, डीपीएस19 व 98, मॉडर्नडीपीएस 89 सहित 16 स्कूलों ने जरूरी बैलेंस शीट संलग्न नहीं की।
मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि आरटीआई से यह भी पता चला है कि मॉडर्न डीपीएस सहित अन्य कई स्कूलों ने शिक्षा सत्र 2018-19 से लेकर शिक्षा सत्र 2021- 22 तक फीस में 40 से 50% तक की वृद्धि की है और इन्होंने उपरोक्त शिक्षा सत्र में जो फार्म 6 जमा कराया है उसके साथ भी बैलेंस शीट नहीं लगाई है।
मंच का कहना है कि जो स्कूल प्रबंधक फार्म 6 के साथ बैलेंस शीट नहीं लगाता है वह फार्म 6 अधूरा माना जाता है और वह फीस बढ़ाने का हकदार नहीं होता है। इसी को लेकर मंच ने अतिरिक्त मुख्य सचिव शिक्षा डॉ महावीर सिंह को पत्र लिखकर ऐसे दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने व पिछले 5 साल में अभिभावकों से बढ़ा कर ली गई फीस की रकम को पेरेंट्स को वापस दिलाने की मांग की है।
एडवोकेट ओ पी शर्मा ने कहा है कि अगर एसीएस शिक्षा ने मंच की मांग पर कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की तो मंच की ओर से फरीदाबाद सहित प्रदेश के सभी प्राइवेट स्कूलों द्वारा पिछले 5 साल में जमा कराए गए फार्म 6, उसमें लिखे गए आय व्यय, जमा कराई गई बैलेंस शीट के खर्चों और जिन्होंने बैलेंस शीट जमा नहीं कराई इन सब बातों की एक उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच कराने की मांग को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की जाएगी।
कैलाश शर्मा ने कहा है कि मंच की ओर से एडवोकेट बीएस विरदी ने एक और आरटीआई लगाकर 31 मार्च तक बढ़ाई गई तारीख तक और जिन स्कूलों ने फार्म 6 बैलेंस शीट के साथ जमा कराया है उसकी सत्यापित फोटो कॉपी मांगी है।
कैलाश शर्मा ने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों की बैलेंस शीट से पता चला है कि स्कूल प्रबंधकों ने अपने स्कूल के लाभ के पैसों को अन्य जगह डायवर्ट किया है, कई जगह प्लॉट व जमीन खरीदी है और अमान्य मदों में कई गैर कानूनी खर्चे दिखाकर आमदनी व खर्च को बराबर दिखाया है। इसके अलावा ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में ली गई राशि को इकट्ठा दिखाया है किन किन फंडों में फीस ली है उन फंडों का नाम नहीं लिखा है।
इसी प्रकार की हेराफेरी व गड़बड़ी सभी स्कूल प्रबंधकों ने की है यह पकड़ में ना आए इसीलिए कई स्कूलों ने बैलेंस शीट नहीं लगाई है। मंच ने अभिभावकों से भी कहा है कि वे अपने बच्चे के स्कूल द्वारा पिछले 5 साल में ट्यूशन फीस व अन्य फंडों में ली गई फीस का ब्यौरा मय सबूत के तुरंत मंच को उपलब्ध कराएं।
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