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Exoskeleton: चीनियों को मिलेगा मुहतोड़ जवाब, DRDO ने जवानों के लिए तैयार किया ब्रह्मास्त्र

Exoskeleton Suit :- चीन सरकार हमेशा से सीमा पर विवाद को लेकर आशंकाओं से घिरी रही है। पिछले साल मई से ही चीन और भारत के जवान आमने सामने सीमा पर एक दूसरे के सामने खड़े हुए है। जहाँ अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों को चीन अपना हिस्सा बताता आ रहा है, वही भारत सरकार इस बात पर दृढ़ है कि यह सभी इलाके हमेशा से भारत के है और भारत के ही रहेंगे।

ऐसे में चीन और भारत के बढ़ते तनाव के बीच, जवानों की सुरक्षा व उन्हें नए उपकरण मुहैय्या कराना सरकार का प्रथम कर्तव्य बन चुका है।और इसी कड़ी में DRDO ने सभी जवानों के लिए कुछ ऐसा विकसित किया है जो चीनियों के खिलाफ ब्रह्मास्त्र साबित हो सकता है।

Exoskeleton: चीनियों को मिलेगा मुहतोड़ जवाब, DRDO ने जवानों के लिए तैयार किया ब्रह्मास्त्र

Exoskeleton सूट आधुनिक सैन्य बलों के उपकरणों के रूप में पूरी दुनिया मे तेज़ी से उभरकर सामने आया है। भारत मे इस तकनीक का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है।पिछले कई वर्षों से डीआरडीओ इस तकनीक के ऊपर अनुसंधान कार्य कर रहा था।

अर्धसैन्य बलों के लिए अच्छी खबर निकल कर सामने आई है डीआरडीओ के एक उच्च अधिकारी की मानें तो एक्सोस्केलेटिन सूट तैयार हो चुके हैं और जल्द ही इन्हें ट्रायल के लिए जवानों को दिया जाएगा।

Exoskeleton सूट एक बहुत ही पतली परत का सूट होता है, जो कई मोटर और हाइड्रोलिक्स की मदद से जवानों को चलने फिरने में शक्ति प्रदान करेगा।

क्या है ये Exoskeleton सूट

Exoskeleton सूट मोटर्स की मदद से जवानों को शक्ति वह प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है इससे जवानों को अनेक गतिविधियों के लिए जैसे भारी सामान उठाना व गंभीर रूप से घायल जवानों की मदद करने में अत्यंत आवश्यक साबित हो सकता है।

चीन के साथ बढ़ते सीमा विवाद के समय पर इसका आना और महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि ज़्यादातर इलाके अधिक ऊँचाई पर है, जहाँ सैन्यबलों को साँस लेने के लिए भी झूझना पड़ता है।

हालाँकि चीन के वास पहले से यह तकनीक मौजूद है परंतु अगर एक्सपर्ट्स की माने तो भारत में बनी हुई एक्सोस्केलेटिन टेक्नोलॉजी और ज्यादा आधुनिक है जिसमें 5 से 6 घंटे के बैटरी बैकअप में जवान 100 किलो तक का भार उठा पाएगा, इसके अलावा सांस की कमी से होने वाली घबराहट व थकान से भी यह सैनिकों को राहत देगा इसके अलावा सैनिकों को चोट से उबरने में भी यह बहुत मदद करेगा।

माइनस 42 डिग्री जैसे तापमान में यह सूट किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा।आपको बता दें कि अभी हाल ही में चीन ने अपने सैन्य बलों की तैनाती में बदलाव किया क्योंकि उनके सैनिक वहां के मौसम को नहीं झेल पा रहे थे जबकि भारत के जवान डटकर आज की सीमा पर खड़े हुए है।

यह दिखाता है कि भारत के जवान किस मिट्टी के बने है कि जमा देने वाली ठंड में भी वह अपने फ़र्ज़ पर कुर्बान है और वही चीनी सैनिक इस बल प्रदर्शन को देखकर काँपने लगे है।ऐसे मे Exoskeleton सूट से भारतीय जवानों की शक्ति चार गुना बढ़ जाएगी।

DRDO ने हाल ही में इसका डिजाइन लांच किया और कहा है कि जल्द ही इन्हें सैनिकों को ट्रायल के लिए दिया जाएगा जिससे रणभूमि में इसके प्रभाव का पता चल सके।

Avinash Kumar Singh

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