हरियाणा व पंजाब सरकार के बीच जल्दी ही सतलुज–यमुना लिंक नहर (SYL) को लेकर बातचीत शुरू हो सकती है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक का समय निश्चित करेंगे। इसके लिए वे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को एक पत्र लिखेंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नई दिल्ली में गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात के बाद यह जानकारी साझा की।
साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में जल से संबंधित सभी मामलों पर उनकी और शेखावत की चर्चा हुई। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच महामारी से पहले एसवाईएल नहर निर्माण पर भी बातचीत हुई। एसवाईएल पर कोई हल न निकलने पर पंजाब के साथ फिर से बैठक करने का निर्णय लिया गया।
अब केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पत्र लिख कर इस बैठक का समय निश्चित करेंगे। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय 15 जुलाई तक सरस्वती प्रोजेक्ट का डिजाइन तैयार करवायेंगे। इसके लिए 500 करोड़ रुपए की राशि का इंतजाम केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा और एनआरसीपी द्वारा यह फंड मिलेगा।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी की ओर से एक सिफ़ारिश की गई है जिसमें यमुना में पानी बढ़ाए जाने की बात कही गई है। यमुना में अभी पानी की मात्रा कम है क्योंकि अभी इसमें केवल 10 क्यूसिक पानी ही छोड़ा जा रहा है।
जल शक्ति मंत्रालय का कहना है कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी की इस सिफ़ारिश को पूरा नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यमुना के तीन प्रोजेक्ट लखवार, केशव और रेणुका का निर्माण होता है तो इससे पानी भी अतिरिक्त मिलेगा और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ हाइड्रोलॉजी के लिए भी ज्यादा पानी छोड़ा जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि एनसीआर में कुछ बड़ी वाटर बॉडीज बनाई जाए इससे लोगों को बहुत फायदा होगा और इसके लिए हरियाणा सरकार सोनीपत और रोहतक में 15–15 एकड़ भूमि भी उपलब्ध कराएगी। इनमें वाटर बॉडीज बनाने का काम जल शक्ति मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
हरियाणा में कुल 130 महाग्राम है और जल जीवन मिशन के तहत लगभग 28 लाख परिवारों को नल से जल उपलब्ध करवा चुके हैं। इसके अंतर्गत 8 जिलों के गांवों में नल से जल मिल रहा है। इसके बाद हरियाणा देश का पहला राज्य बन जायेगा जो इस योजना को सबसे पहले पूरा करेगा।
इस योजना के तहत महाग्राम के प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर पानी देने के बावजूद यह कम पड़ता है। इसलिए केंद्र सरकार 135 लीटर पानी प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध कराएं। 130 महाग्राम और 25 करोड़ रुपए के अनुसार 3250 करोड़ रुपए की राशि बनती है और इसकी व्यवस्था भी जल शक्ति मंत्रालय करे। इसके अलावा सीवरेज व्यवस्था भी इसके तहत उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए केंद्रीय मंत्री से आग्रह भी किया गया है।
एनसीआर के 14 जिलों में नए उद्योग का लाइसेंस उन्ही को दिया जाएगा जिनके पास पीएनजी, सीएनजी और एलपीजी का कनेक्शन होगा। इस मुद्दे पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बीच बातचीत हुई। उन्होंने यह मांग की कि जिन जिलों में गैस पाइपलाइन का नेटवर्क नहीं है वहां छूट दी जाए। पानीपत के उद्यमियों के अलावा और अन्य 8 जिलों के उद्यमियों को भी इसका फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी मांग पर पर्यावरण मंत्रालय ने तुरंत यह छूट दे दी। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने यमुनानगर के 15 उद्योगों को प्रदूषण की एनओसी की राहत मिलेगी। इन्हें दोबारा एनओसी लेने में छूट दी जाएगी।
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