फरीदाबाद में आज का दिन सबसे बुरा दिन रहा आज कोरोना के कारण 3 लोग काल के गाल में चले गए और मौत का आंकड़ा 14 हो गया हैं 24 घण्टों में 106 नए मरीजकुल मरीजो की पुष्टि की गई हैं अब तक 771एक्टिव मरीजो की संख्या दर्ज की गई हैं साथ ही 518 मरीजो को डिस्चार्ज किया गया हैं 24 घण्टों में कोई भी मरीज डिस्चार्ज नही किये गए है
आज ओल्ड फरीदाबाद, बल्लभगढ़, NIT, डबुआ कॉलोनी, तिगांव, पनेहरा कुंड, एसी नगर, भारत कॉलोनी, छांयसा से नए केस आये है साथ ही कोविड- 19 से मरने वालों में 2 पुरूष और 1 महिला शामिल हैं जिसमे 52 वर्षीय पुरुष ,65 वर्षीय महिला और 65 बर्षीय पुरुष हैं
कोरोना वायरस के संक्रमण की बढ़ती संसानहट के चलते ओद्यौगिक नगरी कोरोना नगरी में तब्दील होती दिखाई दे रही है। फरीदाबाद में पिछले कुछ दिनों से लगातार को रोना संक्रमित मरीजों में तेजी से इजाफा हो रहा है। पहले इक्का-दुक्का मिलने वाले मरीज अब दर्जनों या 50 -60 की संख्या में उभर कर सामने आ रहे हैं। यह बढ़ती जनसंख्या ना केवल फरीदाबाद वासियों के लिए बल्कि स्वास्थ्य विभाग के लिए भी चिंता का विषय बनती जा रही है।
यही कारण है कि बढ़ते मरीजों के कारण अब कोविड-19 फुल होता जा रहा है और नए मरीजों के रखने के लिए कोई इंतजाम ना होने के कारण कम लक्षण होने वाले मरीजों को घर में ही क्वॉरेंटाइन रहने की सलाह दी जा रही है।
आपको बताते चलें कि विगत कुछ दिनों पहले फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग में किसी पर निजी अस्पताल को कोविड-19 का इलाज करने से मना कर दिया था, लेकिन बिगड़ती परिस्थितियों को देखकर अब निजी अस्पताल के 25% बेड कोविड-19 के लिए आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं।
जैसे-जैसे फरीदाबाद में कोरोना वायरस के मरीजों की तादाद में इजाफा हो रहा है वैसे ही फरीदाबाद के क्रिटिकल कोरोनावायरस की संख्या भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है। गौरतलब, फरीदाबाद में 13 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं और 5 मरीज वेंटीलेटर पर हैं. कुल 18 मरीज क्रिटिकल हैं। कल तक क्रिटिकल मरीजों की संख्या 12 थी लेकिन अब 18 है। जिसमें 665 मरीजों में से 189 कोरोना के मरीजों को यानी 28 फीसदी को घर पर ही आइसोलेट कर दिया है और 226 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं।
जैसे-जैसे कोरोनावायरस का काल विकराल रूप ले रहा है, वैसे वैसे कोरोनावायरस के नए लक्षण देखने को मिल रहे हैं। आपको बताते चलें कि को रोना मरीज में भी दो तरह के लक्षण पाए जाते हैं जिसमें एक होता है सिंप्टोमेटिक और दूसरा होता है एसिंप्टोमेटिक। जिन मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण जैसे बुखार खांसी गले में खराश होना सांस लेने में तकलीफ होना इत्यादि दिखाई देते हैं उन्हें सिंप्टोमेटिक मरीज कहा जाता है।
वही कोरोनावायरस से मरीज भी हैं जिनमें इस तरह के ज्यादा लक्षण नहीं दिखाई देते उन्हें एसिंप्टोमेटिक मरीज में गिना जाता है। कारण है कि एसिंप्टोमेटिक मरीजों को ज्यादातर घर में ही क्वॉरेंटाइन रहने की सलाह दी जा रही है। वहीं कोरोना वायरस का एक भयानक रूप भी है, जिसमें गंभीर रूप से बीमारी यानी क्रिटिकल मरीजों को सांस लेने में दिक्कत होती है इसलिए उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर या वेंटीलेटर पर रखा जाता है।
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