हम सब को पता है कि इंडिया का 71 प्रतिशत हिस्सा समुंदर यानी महासागरों से ढका हुआ है। इसके अलावा जमीन पर 50 प्रतिशत ऑक्सीजन का सप्लाई समुंदर से ही होता है।
समुंदर को जो चीज सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है वो है प्लास्टिक। प्लास्टिक की वजह से सिर्फ वातावरण पर ही नहीं जल जीवन पर भी बहुत ज्यादा असर पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक़ हर साल 8 मिलियन टन प्लास्टिक समुंदर में बहाया जाता है। इसका सीधा सीधा असर समुंदर में रहने वाले जीवों पर पड़ता है। यह विशय बहुत गंभीर है और इसे हमें नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।
महासागरों और महासागरों में रहने वाले जीवों की सुरक्षा के लिए जन जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व महासागर दिवस की शरुआत 2008 में की थी। विश्व महासागर दिवस को महज सम्मान बांटने के लिए नहीं मनाया जाता, बल्कि इसका मतलब समुंदरो और समुंदरी जीवों की रक्षा करना भी है।
हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है। इसका अहम मकसद है लोगों को जागरूक किया जा सके और महासागरों व समुंदरी जीवों की सुरक्षा के लिए एक कदम बढ़ाया जा सके। जिस तरह आज हम समुंदरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, ऐसे में हमें इसके नतीजे भुगतने के लिए भी तैयार रहना होगा क्योंकि जब जब प्रकृति ने अपना विकराल रूप दिखाया है तब तब बड़ी तादात में लोगों ने जान गंवाई है। आगर इंसान समय रहते हुए नहीं समझता तो आने वाला वक्त हमारे लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है।
Written by – Ansh Sharma
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